अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एवं कई अवैध दुकानें बनाने का कार्य का धड़ल्ले से अलग -अलग स्थानों पर चल रहे है, जिसे रोकने वाला कोई नहीं है, ओल्ड ज़ोन में जिधर -देखों उधर अवैध निर्माण बन रहे है , और काफी तेजी के साथ चले ही जा रहे है। इस मामले में ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम के संयुक्त आयुक्त राजेश प्रजापति से गुरुवार दोपहर के बाद,मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया पर उन्होनें अपना फोन काट दिया, इसके बाद उन्होनें कॉल बैक नहीं किया, संभवता वह किसी कार्य में व्यस्त होंगे। आज शुक्रवार को नगर निगम एसडीओ हितेश दहिया से भी फोन पर संपर्क किया गया पर वह भी अपना फोन नहीं उठाया। इस मामले में अगर ओल्ड नगर निगम के किसी भी अधिकारियों के पक्ष उनके पास आते है, तो इस खबर में जोड़ दिया जाएगा।
देखा गया है कि नहरपार के इलाके में न तो लोगों के पास जमीन की रजिस्ट्री है , ना ही जीपीए है, ना ही कोई नक्शा है, ऐसे में कंपटीशन का तो मतलब ही नहीं है। लगभग भूमि कृषि की है पर लोग इन जमीनों पर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत करके, बड़ी तेजी के साथ दो-दो मंजिलों की अवैध दुकानें एवं शॉपिंग काम्प्लेक्स बना लिए, और बनाए जा रहे है। वज़ीरपुर रोड व उसके सामने सड़क पार करके जीवन नगर वाले साइड में 3-4 स्थानों पर धड़ल्ले से अवैध दुकानें बनाई जा रही है। वज़ीरपुर रोडपर 2-3 स्थानों पर अवैध रूप से अवैध शॉपिंग काम्प्लेक्स व दुकानें बनाई जा रही है , इसके सामने सड़क पार करके जीवन नगर का एरिया है,
वहां पर एक साथ पांच दुकानें बनाई जा रही है, अब इसके ऊपर भी दुकानें बनाने की तैयारी की जा रही है,इस के साथ में भी बड़ी दुकानें बनाई जा रही है इसके अतिरिक्त बिहारी मार्किट में अंदर की तरफ भी बेसमेंट के साथ बड़ी सी दुकानें अवैध रूप से बनाई जा रही है, जोकि काफी हद बन चुकी है। कभी भी संबंधित अधिकारियों से इस बारे में पूछो तो यही कहते है,कि मैंने सभी को नोटिस दिया हुआ है,जल्द ही कार्रवाई करेंगे, पर करते कुछ नहीं, इनकी यह सभी बातें भ्रष्टाचार के दलदल में दब जाती है।
इसके अलावा सराय मार्केट के झरिया मार्किट में पुरानी छोटी -छोटी दुकानें को तोड़ कर ,दो मंजिलों की शॉपिंग काम्प्लेक्स अवैध रूप से बना ली गई है। जिसमें कुल 12 से अधिक बड़ी -बड़ी दुकानें है। जिसमें बड़े -बड़े शो -रूम चालू होंगें, यहां पर गाड़ियां पार्किंग करने की कोई जगह नहीं है। अगर यह सभी दुकानें कानूनी तौर पर बनती तो हरियाणा सरकार को लाखों रुपए का राजस्व मिलता पर यह सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। इसके अलावा बाईपास रोड से एनएचपीसी चौक , नेशनल हाइवे की ओर जाएंगे, तो इसके बीच में बेसमेंट के लगभग दो दर्जन से अधिक अवैध दुकानें बन गई, और दुकान बनाने का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
यह सब नगर निगम के संबंधित विभाग के अधिकारियों की जानकारी में , बावजूद इसके इस पर कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई है, यह सब भी भ्रष्टाचार के दलदल में दब गई। यह सभी दुकानें यदि कानूनी नियमों के हिसाब बनती तो लाखों रुपए के राजस्व नगर निगम प्रशासन को मिलती, और यह सभी पैसा शहर के विकास पर खर्च होता,पर ऐसा बिल्कुल ही नहीं हुआ। यदि गहराई से छानबीन की जाए तो जमीनों में भी गड़बड़ी संभव हो सकती है, क्यूंकि इसके आसपास में इंडस्ट्रीज है , हो न हो यह भी इंडस्ट्रीज की ज़मीन हो। जिस पर अवैध दुकानें बन रही है , और बन गई है। बहुत ऐसे स्थान है जहां पर अवैध दुकानें व कंपनी बन रही है, और निगम के संबंधित अधिकारियों को भली भांति मालूम है पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जीरो है।
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