अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) की मासिक रैंकिंग में हरियाणा पुलिस ने एक बार फिर अपना परचम लहराते हुए पिछले 20 महीनों में 17वीं बार देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सीसीटीएनएस की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता हरियाणा पुलिस की नई सोच, बेहतर कार्यप्रणाली और आधुनिक तकनीक के प्रभावी इस्तेमाल का परिणाम है।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि यह उपलब्धि हरियाणा पुलिस की उस नई सोच और प्रोफेशनल दृष्टिकोण का परिणाम है जिसमें तकनीक को पुलिसिंग का अभिन्न हिस्सा बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस और नेफिस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अपराधियों की पहचान, जांच की पारदर्शिता और जनता को समयबद्ध न्याय दिलाने की प्रक्रिया को नई गति दी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इसी समर्पण और टीमवर्क के बल पर हरियाणा पुलिस आने वाले समय में भी देशभर में आधुनिक और स्मार्ट पुलिसिंग का मानक स्थापित करती रहेगी।
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के निदेशक शिवास कबिराज ने बताया कि सीसीटीएनएस का मूल उद्देश्य अपराध की जांच, अपराधियों की धरपकड़ और केस मैनेजमेंट के लिए एक ऐसी एकीकृत प्रणाली विकसित करना है जो पूरी तरह डिजिटल हो। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षो में एससीआरबी में तकनीकी दक्षता बढ़ाने और प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इन प्रयासों का परिणाम है कि पिछले 20 महीनों में 17 बार हरियाणा पुलिस ने देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है।केंद्र सरकार द्वारा जारी इस मासिक रैंकिंग में हरियाणा पुलिस ने विभिन्न मापदंडों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अगस्त और सितंबर 2024 में जहां हरियाणा ने 99.99 प्रतिशत अंक लेकर देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया, वहीं अन्य महीनों में हरियाणा पुलिस ने शत-प्रतिशत अंक हासिल कर पहला स्थान बनाए रखा। आज प्रदेश के सभी थानों को सीसीटीएनएस से जोड़ा जा चुका है और प्रथम सूचना रिपोर्ट, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लावारिस वस्तुएं, अज्ञात शव, विदेशी पंजीकरण, निवारक कार्यवाही, अनुसंधान, शिकायतें और प्रगति रिपोर्ट जैसे सभी कार्य पूरी तरह डिजिटल रूप में दर्ज और मॉनिटर किए जा रहे हैं।अपराधियों की पहचान और जटिल मामलों के समाधान में तकनीक का इस्तेमाल हरियाणा पुलिस को नई ऊँचाई पर ले गया है। वर्ष 2022 से लेकर अब तक नेफिस सॉफ्टवेयर पर लाखों फिंगरप्रिंट्स का डेटा अपलोड किया गया और गिरफ्तार अभियुक्तों तथा अज्ञात शवों के रिकॉर्ड से उसका मिलान किया गया। इस प्रक्रिया में काफी संख्या में फिंगरप्रिंट्स का आपराधिक रिकॉर्ड से सफल मिलान हुआ। वारदात स्थलों से जुटाए गए चांस प्रिंट्स को नेफिस पर सफलतापूर्वक अपलोड और वेरीफाई किया गया। इस तकनीकी सफलता के परिणामस्वरूप 93 गंभीर आपराधिक मामलों को सुलझाया गया, जिनमें 22 हत्या के मामले भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नेफिस प्रणाली के माध्यम से 29 अज्ञात शवों की पहचान संभव हुई।पुलिस कर्मियों को तकनीक के प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से हरियाणा पुलिस ने 72 कार्यशालाएं आयोजित कीं। आधुनिक तकनीक के प्रयोग का प्रभाव साइबर अपराध के क्षेत्र में भी देखने को मिला है। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर हरियाणा पुलिस का स्कोर 100 प्रतिशत रहा है, जिसका अर्थ है कि हर एक कॉल को समय पर अटेंड कर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
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