अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुजरात में लगातार हो रहे पुल ढहने समेत अन्य हादसों के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष सांघवी का इस्तीफा मांगा है।इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस सेवा दल के मुख्य संगठक लालजी देसाई और पार्टी विधायक जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात में पिछले चार वर्षों में पुल ढहने की 16 घटनाओं की जांच के लिए स्वतंत्र व ईमानदार अधिकारियों की एसआईटी गठित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के कारण आम जनता की जान खतरे में पड़ रही है।

वडोदरा और आणंद को जोड़ने वाले गंभीरा पुल के ढहने की घटना का जिक्र करते हुए जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि एक ग्राम पंचायत सदस्य सहित स्थानीय लोगों ने पहले ही सरकार को इस पुल की जर्जर हालत के बारे में आगाह किया था। कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने भी पत्र लिखकर इसकी मरम्मत की मांग की थी, लेकिन भाजपा सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि पुल के ढहने से 16 लोगों की मौत हो चुकी है और सात लोग अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि इस हादसे के बाद स्थानीय मछुआरों ने शुरुआती बचाव कार्य किया, जबकि सरकारी तंत्र 50-55 मिनट बाद घटनास्थल पर पहुंचा। मेवाणी ने मोरबी पुल हादसे में 135 मौतों, वडोदरा में नाव पलटने की घटना में 14 लोगों की मौत, डीसा में फैक्ट्री में आग लगने से 22 मौतों और राजकोट टीआरपी गेमिंग जोन अग्निकांड जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी मामलों में पहले से चेतावनियां दी गई थीं, लेकिन भाजपा सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। मेवाणी ने आगे कहा कि जिन कंपनियों को भ्रष्टाचार के कारण ब्लैकलिस्ट किया गया, उन्हें भाजपा के कार्यालय ‘कमलम’ में चंदा देने के बाद फिर से ठेके दे दिए जाते हैं। उन्होंने पिछले चार वर्षों में पुलों के ढहने की घटनाओं में किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति को सजा न मिलने पर सवाल उठाया और कहा कि भाजपा सरकार ऐसे मामलों को रफा-दफा कर देती है। वहीं लालजी देसाई ने भाजपा के ‘गुजरात मॉडल’ को ‘कोलेप्स मॉडल’ करार देते हुए कहा कि राज्य में सड़कें, पुल, नहरें और बांध टूटना व अग्निकांड होना अब आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि गुजरात में शासन व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वहां की स्थिति ‘कुशासन’ से आगे बढ़कर ‘दुशासन’ तक पहुंच गई है। उन्होंने आगे कहा कि यह भ्रष्टाचार का 20-20 मॉडल है, जिसमें 20 प्रतिशत कमीशन नेताओं और 20 प्रतिशत कमीशन ब्यूरोक्रेसी को जाता है।
देसाई ने कहा कि मीडिया ने केवल 16 बड़ी दुर्घटनाओं को ही प्रमुखता से दिखाया, जबकि वास्तव में गुजरात के लगभग हर जिले और हर तहसील में पुल ढहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी गुजरात की स्थिति को लेकर जवाब मांगा।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

