अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: ग्रीन फील्ड में बिल्डरों के हौसले इतने बुलंद है कि फ्लैट्स खरीदारों को लूटने के लिए ऐसे जाल बुनते है,जिसमें फ्लैट्स खरीदारों को फंसना निश्चित होता है, और फ्लैट्स खरीदारों को लाखों रूपए से लूटा जाना लगभग तय होता है,और बहुत से फ्लैट्स खरीदार लोग इनके लूट के शिकार भी हो चुके है, पर इन लूट- खसोट को रोकने वाला संबंधित विभाग के अधिकारी बिल्कुल खामोश है। इसके क्या मायने हो सकते है, यह तो वही जानते है। ताजा मामला यह है कि ग्रीन फील्ड में बिल्डरों के द्वारा बनाए कई नई बिल्डिंगें,जिनमें अवैध रूप से एक्स्ट्रा कवरेज करके लेट्रिन-बाथरूम व तीन मंजिल की बिल्डिंग पर चौथी मंजिल बना खरीदारों को धोखे से बेच रहे है, और अभी कई बिल्डर लोग इसी फ़िराक में है, कि उनके द्वारा बनाई अवैध चौथी मंजिल अच्छे-अच्छे दामों में आसानी से बिक जाए। डीटीपी एनफोर्समेंट राहुल सिंगला को इस बारे में जानकारी दे दी गई, और कई बिल्डिगों के नंबर भी खबर के माध्यम से दे दी गई है। उन्होंने भरोसा दिया कि जांच में गलत पाए जाने के बाद, ऐसे सभी बिल्डिंगों पर अवश्य कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी।खबर के अनुसार ग्रीन फील्ड में प्लॉट नंबर- 2116, 2535,2121 पर 4 -4 मंजिल की बिल्डिंगें बनाई गई है,इन सभी बिल्डिंगों के पिछले हिस्सों में, दोनों तरफ से अवैध रूप से लेट्रिन-बाथरूम बनाई गई है,जिसकी कीमत फ्लैट्स खरीदारों से लाखों रूपए धोखे से लुटे जा सके ,और यदि इन फ्लैटों को बिल्डरों द्वारा खरीदारों को बेच दी गई है, तो शिकायत होने पर लाखों रूपए एफएआर की कीमत फ्लैट्स खरीदारों को राजस्व के तौर संबंधित विभाग को देना होगा। इसमें जो प्लॉट नंबर-2121 है जोकि बिल्डिंग तो पुरानी है पर इसके पिछले हिस्से के तोड़कर अवैध रूप से दुकानें बनाई जा रही है, इस दुकान को बनने से वहां रहने वाले लोगों के जीवन में अशांति रहेगी। इसी लिए आसपास के लोग डीटीपी एनफोर्समेंट विभाग को तुरंत सख्त कार्रवाई करके, रोकना चाहिए, और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए।
यह भी बताया गया है कि ग्रीन फील्ड के प्लॉट नंबर-2535 पर तीन मंजिलें पहले बना ली गई थी,बाद में इसके ऊपर चौथी मंजिल बना ली गई है,जोकि कानून न गलत है। इस तरह के बहुत सारे नई बिल्डिंगें है, जिसको डीटीपी एनफोर्समेंट विभाग के द्वारा चेक करके उस पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि कड़ी मेहनत से कमाई गई फ्लैट्स खरीदारों के लाखों रूपए को बिल्डरों के हाथों से लूटने से बचाया जा सकें। उधर, ग्रीन फील्ड के सी ब्लॉक में गुरुद्वारा के पास कोने पर एक नई बिल्डिंग बनाई गई है, उसका रास्ता आगे से है, बावजूद इसके सड़क की तरफ से दो अलग -अलग गेटों को खोला गया है,आने वाले समय में आने जाने वाले गाड़ियों के बीच टक्कर होने की बहुत ज्यादा संभावना बढ़ गई है, जोकि जानलेवा हो सकती है। इस नई बिल्डिंग पर डीटीपी एन्फोर्स्मेंट विभाग द्वारा जांच के बाद, विभाग को सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है।
प्लॉट का नंबर -3302 बताया गया है।
बिल्डरों के जाल में कैसे फंसते है , फ्लैट्स लेने वाले ग्राहक : जब बिल्डरों के कार्यालय में प्रवेश करेंगे, तो वह कहेंगे कि आओ जी, बैठो आप, अपने लड़के से कहेंगे कि बेटा या छोटू सभी को पानी पिलाओ। बिल्डर लोग आप से पूछगे, क्या चाहिए, ग्राहक कहेगा एक फ्लैट लेना है, फिर आपका बजट पूछेंगे, इसके बाद बहुत सारी बातें होंगी,इससे आपके भाव से बिल्डर को यह पता चल जाएगा की यह ग्राहक सही में फ्लैट खरीदने वाला है, फिर बिल्डर आवाज लगा अपने काम करने वाले लड़के को छोटू कह कर बुलाएगा। फिर नाश्ता लाने के लिए उसे कहेगा,आप बिल्कुल मना करेंगें पर आपको नाश्ता करा कर ही भेजेगा। इससे आप बहुत ज्यादा खुश हो जाएंगे की यह बिल्डर बहुत अच्छा आदमी है, उसने मुझसे बहुत अच्छी तरह से बातचीत करी है।
और अगले दिन उनके पास जाकर टोकन मनी दे देंगे। और लग जाएगा अंदर खाने 5 से 10 लाख रुपये के चुना। क्योंकि ज्यादातर लोग बिल्डिंग के पिछले हिस्से में जो लेट्रिन -बाथरूम बनाते है वह सब के सब अवैध होते है , बाद में जो शिकायत होती है, तो फ्लैट्स खरीदारों को पूर्ण रूम से भुगतना पड़ता है वह लगभग 5 लाख रूपए खर्च करके। फ्लैट्स खरीदारों से अपील है कि ग्रीन फील्ड में फ्लैट्स खरीदने से पहले एक बार डीटीपी एन्फोर्स्मेंट विभाग से जरूर संपर्क कर पूछ ले की, मैंने जो फ्लैट पसंद किया है, क्या उसमें सब कुछ ठीक है, या नहीं। इससे आप बिल्डरों के हाथों लूटने से बच जाएंगे। अन्यथा लूट जाएंगे।
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