अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने आज अपने कार्यालय में फरीदाबाद के पत्रकारों के साथ आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस से संबंधित विषयों बारे चर्चा की गई। इस दौरान पत्रकारों द्वारा उठाए गए बिंदुओं का समाधान करने बारे आश्वस्त किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से यातायात व्यवस्था,साइबर अपराध व अन्य विषयों पर चर्चा की गई। पुलिस कमिश्नर ने पत्रकारों से कहा कि आमजन को जागरूक बनाने के लिए मीडिया का अहम योगदान होता है। उन्होंने कहा कि पुलिस से संबंधित विभिन्न विषय जैसे यातायात व्यवस्था, साइबर अपराध, महिला विरुद्ध अपराध, पुलिस की हेल्पलाइन सुविधाओं बारे खबरों के माध्यम से आमजन को जागरूक करने में पुलिस का सहयोग करें।
उन्होने कहा कि फरीदाबाद में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यातायात पुलिस प्रतिबद्ध है पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक करते यातायात नियमों की जानकारी दी जा रही है। वर्तमान समय में सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है जिस कारण दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती है, अगर अनिवार्य है, तो ही वाहन लेकर निकले अन्यथा वाहन का कम प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि वाहन चालक सड़क पर वाहनों की पार्किंग ना करें, अगर किसी कारणवश वाहन खडा करना पडता है तो सड़क के साइड में गाड़ी खड़ी करें और पार्किंग लाइट का प्रयोग करें तथा गाड़ी के आगे-पीछे ट्रैफिक कोण लगाए। रॉन्ग साइड गाडी कभी ना चलाए। गति सीमा के अंतर्गत ही गाडी को चलाए तथा शराब या अन्य नशे का सेवन करके ड्राइव बिल्कुल भी ना करें। सायं 5 से 8 बजे के बीच यातायात अपनी चरम सीमा पर होता है। जिसके लिए अलग से ड्यूटियां लगाई गई है। उन्होने यह भी कहा कि यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी जिसके लिए SPOs की भर्ती की जा रही है।
साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन अपराधों का अनुसंधान तकनीकी विषयों पर आधारित है जिसके लिए निपुण अनुसंधान अधिकारी को नियुक्त किया जाता है। साइबर अपराधों के अनुसंधान के बारे में पुलिस कर्मचारियों को प्रक्षिशित किया जा रहा है और योग्य अनुसंधान अधिकारियों को ही साइबर अपराध का कार्य सौंपा हुआ हैं, निकट भविष्य में साइबर अपराध के कार्यों में योग्य अनुसंधान अधिकारियों की बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी विभिन्न प्रकार से लोगों के साथ ठगी करते है जैसे लॉटरी निकलना, डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाना, शेयर मार्किट में निवेश करना, लिंक भेज कर गुमराह करना इत्यादि शामिल है। लॉटरी फ्रॉड के संबंध में बताया कि जब आपने कोई फॉर्म ही नहीं भरा तो आपका नाम कैसे लॉटरी के लिए आ सकता है, यह सोचना चाहिए, इसके अतिरिक्त संबंधित बैंक से जानकारी लें तथा पूरी तरह जागरूक बनें। डिजिटल अरेस्ट के संबंध में उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गिरफ्तारी(डिजिटल अरेस्ट) का कानून में कोई प्रावधान नहीं है। डिजिटल अरेस्ट नया साइबर स्कैम है,जिसमें स्कैमर्स खुद को पुलिस अधिकारी/कस्टम अधिकारी व अन्य जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर लोगों को किसी भी अपराध में फसाने या किसी अपराध में संलिप्त होने का डर दिखाकर डराते व धमकाते हैं और फिर आपको पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर कर देते हैं। जब आप द्वारा कोई अपराध किया ही नहीं है तो डरने की आवश्यकता क्या है। पुलिस या अन्य एजेंसी इस प्रकार से डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है और ना ही ऐसी किसी व्यवस्था का कानून में कोई प्रावधान है इसलिए जागरूक बने और सुरक्षित रहें।
उन्होंने आगे कहा कि अगर आपके साथ कोई साइबर ठगी होती है तो गोल्डन ऑवर( वारदात के 6 घंटे के अंदर) में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर साइबर ठगी की वारदात के संबंध में शिकायत दर्ज कराए। इससे साइबर अपराधियों के बैंक खातों में आपके पैसे को जाने से पहले फ्रीज कर दिया जाता है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर का पदभार संभालने के बाद से ही उनके द्वारा अपराध पर अंकुश लगाने के लिए दोपहिया वाहन चालको की चेकिंग आरम्भ करा दी गई है। चेकिंग के दौरान 15 से 35 वर्ष के बीच के शरारती किस्म/नौजवानों को चेक किया जा रहा। चोरी, लूट, स्नैचिंग की वारदातों की समीक्षा में सामने आता है कि इस प्रकार की वारदातों में दोपहिया वाहनों के चालको की संलिप्त रहती है। जिस वजह से इस तरह की चेकिंग आरम्भ कराई गई है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिसको लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर कार्य किया जा रहा है। सभी कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि ईमानदारी से ड्यूटियां करें। अवैध खनन के संबंध में पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा कि अवैध खनन के संबंध में सख्त कार्रवाई की जाएगी। अवैध खनन में किसी भी कर्मचारी की कोई संलिप्त सामने आएगी तो सख्त कार्रवाई करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि आमजन की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है। जब भी कोई शिकायतकर्ता संबंधित थाना/चौकी व कार्यालय में आता है तो शिकायत कर्ता को रसीद प्रदान की जाती है। जिससे वह अपनी शिकायत के बारे में जानकारी ले सकता है। शिकायतों की संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में फिड बैक लिया जा रहा है जिसकी समय समय पर समीक्षा की जाती है सभी पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त, प्रभारी थाना व चौकी को निर्देशित किया गया है कि निष्पक्षता से शिकायतों की जांच की जाए, शिकायतों का निष्पादन किया जाए।
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