अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा से कॉल सेंटर ऑपरेट कर अमेरिका के नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में छेड़छाड़ करके उनको सर्विस देने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए थाना सेक्टर-113 पुलिस ने 4 युवतियां समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से भारी संख्या में लैपटॉप, राउटर, मोबाइल, हेडफोन, फर्जी दस्तावेज और इंटरनेट मीडिया कन्वर्ट समेत अन्य सामान बरामद हुआ है।
पुलिस के गिरफ्त में खड़ी ठगों की 4 युवतियां समेत 11 आरोपियों शामिल है,जिनमें से अधिकांश नॉर्थ ईस्ट के रहने वाले है,क्योंकि इनकी अंग्रेजी और बातचीत करने का तरीके अमेरिकी भाषा से काफी मिलता जुलता है। डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों से इनपुट मिला था कि शहर में ऐसे कॉल सेंटर संचालित किए जा रहे हैं जहां से अमेरिका के नागरिकों के साथ ठगी हो रही है। इसके बाद कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने के कई टीमें बनाई गईं। पुलिस ने थाना सेक्टर-113 क्षेत्र में छापेमारी की। यहां एक कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया।डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि पकडे गए आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह अमेरिकी नागरिकों के सिस्टम के साथ छेड़छाड़ कर पॉपअप मैसेज भेजकर, उनके बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। इसके बाद विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम/लैपटॉप में बग भेजते है। इससे उनका सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता है। इसके बाद उनके सिस्टम में जो समस्या आई है उसे दूर करने के बहाने आरोपी आईवीआर कॉलिंग के जरिए विदेशी नागरिकों के साथ जुड़ जाते हैं। विदेशी नागरिकों के सिस्टम का एक्सेस हासिल उसे अपने नियंत्रण कर लेते थे। विश्वास में लेने के बाद पैसे के लिए बारकोड भेजकर आरोपी रकम को बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर करा लेते हैं। असुविधा को दूर करने के लिए सारी रकम गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो के जरिए ली जाती. डीसीपी नोएडा का कहना है, पुलिस इनके पास से मिले कंप्यूटर का डेटा चेक कर रही है । जिससे ये पता चल सके कि किन-किन लोगों से इन लोगों ने बातचीत की। इनके पास कितना डेटा है, साथ ही डेटा कहा से आया। पूछताछ में बताया कि ये डेटा इनको डार्क वेब से मिलता है। जिसे खरीदा जा सकता है। फिलहाल अब तक ये लोग 150 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके है। नोएडा में करीब 25 दिनों से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। इससे पहले देहरादून में ये लोग कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। वहां भी अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी की जा रही थी। इस संबंध में विवेक को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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