अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: गुरुग्राम जिला में पहली बार राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला 7 से 23 अक्टूबर तक सेक्टर-29 स्थित लेजर वैली ग्राउंड में लगाया जाएगा यहां पर देश के 27 राज्यों की कला व संस्कृति के उत्पादों की 250 से अधिक स्टॉल लगाई जाएंगी। खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए अलग-2 राज्यों के 30 लाइव फूड स्टॉल अलग से लगाए जाएंगे। एक प्रकार से इस मेले में आने वाले लोगों को मिनी भारत के दर्शन होंगे, जहां पर अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय उत्पादों के अलावा स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से वहां की संस्कृति को जानने व समझने का पूरा अवसर मिलेगा।

इसके अलावा, यहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए रोजाना अलग-2 विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी ताकि वे अपने उत्पादों की बिक्री करने व मार्किटिंग आदि के स्किल विकसित करके ज्यादा मुनाफा कमा सकें। मेले में आमजन के लिए प्रवेश बिल्कुल निःशुल्क रखा गया है। मेला प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से लेकर सायं 9ः30 बजे तक खुला रहेगा। सरस आजीविका मेले को लेकर मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव चरणजीत सिंह ने गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरस मेले की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया। सम्मेलन में 3 महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानियां भी साझा की।

चरणजीत सिंह ने कहा कि जरूरतमंद महिलाओं को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान द्वारा इस पहल की वर्ष 1999 से शुरुआत की गई थी। राष्ट्रीय स्तर के सरस मेले का आयोजन अब तक फरीदाबाद, नोएडा व दिल्ली आदि में किया जाता रहा है। इसके अलावा, मंत्रालय राज्यों को भी अपने स्तर पर सरस मेला लगाने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाता है। राष्ट्रीय स्तर का सरस मेला पहली बार गुरुग्राम में लगाया जा रहा है, जिसकी तैयारियां मंत्रालय स्तर पर पिछले 6 महीने से चल रही हैं।
मंत्रालय द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म की जल्द की जाएगी शुरुआत- चरणजीत सिंह
सिंह ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बेहतर व प्रभावी मार्किंटिंग के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्म जल्द ही शुरू करने जा रहा है। अभी तक ये उत्पाद ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेज़न, फल्पिकार्ट तथा अन्य ऑनलाइन साइटों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाए जा रहे थे।
– रोजाना उत्पादों से जुड़े अलग-2 विषयों पर आयोजित की जाएगी कार्यशाला

अपर सचिव ने बताया कि मेले में अलग-2 राज्यों से 500 से अधिक महिलाएं भाग लेंगी। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए अलग-2 विषयों पर कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। उदाहरण के तौर पर पैकेजिंग, ब्रेंडिंग, बिजनेस प्रपोजल तैयार करने, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का उत्पादों की मार्केटिंग में उपयोग करने, वित्तीय प्रबंधन से लेकर कई अन्य विषयों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला के लिए मंत्रालय द्वारा कई बड़ी -2 कंपनियों के प्रतिनिधियों को मेले में आमंत्रित किया गया है।
अलग-2 राज्यों की सभ्यता व संस्कृति के जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाएंगे प्रस्तुत
सरस मेले में लोगों के मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इस मेले में देशभर से आए कलाकारों द्वारा अपने राज्य से जुड़ी सभ्यता व संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरस मेले में रोजाना सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी जिसमें अलग-2 प्रदेशों के विख्यात कलाकार वहां की सांस्कृतिक झलक प्रदर्शित करेंगे।
खाने पीने के शौकीनों का भी रखा जाएगा ध्यान, अलग-2 राज्यों के लोकप्रिय व्यंजनों का मेले में ले सकेंगे जायका
मेले में खाने पीने के शौकीन लोगों के लिए भी इंतजाम किए जाएंगे। यहां पहुंचकर लोग देशभर के अलग-2 राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों का जायका ले सकते हैं और इन्हें मौके पर ही महिलाएं अपने हाथों से बनाएंगी। हर राज्य द्वारा अपने-2 प्रदेश के व्यंजनों की फूड स्टॉल लगाई जाएगी जहां लोग अपनी पसंद के अनुसार खाना खा सकेंगे।
संवाददाता सम्मेलन में 3 सफल महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानी भी साझा की। उत्तर प्रदेश की अफसाना, रोहतक जिला के गांव लाखनमाजरा की ममता तथा गुरुग्राम जिला के गांव चंदू की पूजा शर्मा ने बताया कि कैसे वे घर की दहलीज को लांघकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए स्वयं सहायता समूह बनाकर सफल उद्यमी बनी हैं। गांव चंदू की पूजा शर्मा राष्ट्रपति से नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित हैं। सम्मेलन में मंत्रालय के मार्केटिंग हेड चिरंजी लाल कटारिया तथा गुरुग्राम जिला परिषद की सीईओ अनु श्योकंद ने भी अपने विचार रखे।

