अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नगाड़ों का प्रयोग पुराने समय में संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान देने के लिए किया जाता था। आज के सोशल मीडिया के इस दौर में यह नगाड़े और आप्रासंगिक होकर रह गए हैं लेकिन ग्रेटर नोएडा की एक गांव में इन ढोल नगाड़ा की परंपरा को पिछले 100 साल से जीवित रखा हुआ है और हर साल होली के अवसर पर इन ढोल नगाड़ों को बजाने की प्रतियोगिता होती है जिसमें दूर-दूर से गांव के लोग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आते हैं इसके बाद एक दूसरे के गालों पर गुलाल लगाकर होली की बधाई देते हैं।
शुक्रवार को रूपबास को ढोल नगाड़ों की थाप और गुलाल उडा कर ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से होली मनाई। सुबह से ग्रेटर नोएडा के आस-पास के गांव के लोग और बड़े-बड़े ढोल नगाड़े रूप बास गांव पहुचने लगे थे और फिर घंटो ढोल नगाड़े बजाकर गांव में आपस कंपटीशन रखते रहे यहाँ न तो हारने का मलाल न होता है और न जीतने का जश्न बस रंग लगा कर गले मिलकर होली की शुभकामनाएं देते हैं इसमें कई गांव के लोग शामिल होते हैं। ग्राम प्रधान रूपबास संजय सिंह ने बताया कि सभी गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे। इसको लेकर गांव में परंपरागत तरीके से होली का त्योहार मनाया जाता है।
ग्रामीणों के मुताबिक बीते 100 साल से परंपरागत तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया जा रहा है। ग्राम प्रधान रूपबास संजय सिंह ने बताया कि गांव में परंपरागत तरीके से होली का त्योहार मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में कई गांव के लोग शिरकत करते हैं। शुक्रवार को घंटे और नगाड़ों के साथ होली मनाई गई। संजय सिंह ने बताया कि गांव में हर बार बड़े-बड़े ढोल नगाड़े और घंटे बजाकर गांव में कंपटीशन रखते हैं। इसमें कई गांव के लोग शामिल होते हैं। सभी गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे। उसको लेकर यह प्रोग्राम किया जाता है। गांव में आज तक किसी का किसी से कोई किसी तरीके का विवाद नहीं है। गांव की शांति के लिए लोग इस परंपरा को निभाते हैं। इसके बाद यह लोग एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।
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