अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
गौतमबुद्ध नगर में एसआईआर अभियान में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। डीएम के सख्त आदेशों के बावजूद , अभियान को गंभीरता से न लेने वाले 60 बीएलओ और 7 सुपरवाइजरों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। यह कार्रवाई लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत की गई है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी मेधा रूपम के नेतृत्व में जिले में 04 नवंबर 2025 से 04 दिसंबर 2025 तक विधान सभा क्षेत्र के निर्वाचक नामावलियों का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का अभियान चलाया जा रहा है. कुछ दिन पहले हुई बैठक में मेधा रूपम ने कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन ने पाया कि कई बीएलओ और सुपरवाइजरों ने इस महत्वपूर्ण अभियान को नज़रअंदाज़ किया, जिसका सीधा असर मतदाता सूची को अपडेट करने के काम पर पड़ रहा था। डीएम ने कठोर फैसला लेते हुए 67 बीएलओ और सुपरवाइजरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह कार्रवाई तीनों विधानसभा क्षेत्रों में की गई है:
• दादरी विधानसभा क्षेत्र: यहाँ सबसे अधिक 32 बीएलओ और 1 सुपरवाइजर पर थाना ईकोटेक-1 में FIR दर्ज की गई है।
• नोएडा विधानसभा क्षेत्र: यहाँ 11 बीएलओ और 6 सुपरवाइजरों के ख़िलाफ़ थाना दादरी में मामला दर्ज हुआ है।
• जेवर विधानसभा क्षेत्र: यहाँ 17 बीएलओ पर थाना जेवर में FIR दर्ज की गई है।

यह कार्रवाई जिले में चुनावी प्रक्रिया से जुड़े कार्यों में गंभीरता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि चुनावी ड्यूटी में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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