अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:केंद्रीय आवासन, शहरी एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 18वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में इजी मोड ऑफ ट्रेवलिंग थीम के साथ सुगमता बनाए रखने के लिए बेहतर यातायात व्यवस्था व सेवाएं प्रदान करना है। इस सम्मेलन में नीतिगत आधार पर आए सुझावों के साथ शहरी क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाते हुए जन सेवाएं प्रदान करने की दिशा में सराहनीय कदम बढ़ाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को गुरूग्राम में आयोजित तीन दिवसीय 18वें अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलन के साथ विधिवत रूप से शुभारंभ किया। मुख्यातिथि ने परिसर में लगी शहरी विकास और गतिशीलता को दर्शाती विकासात्मक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने उपरांत अवलोकन भी किया।
सम्मेलन में मुख्यातिथि केंद्रीय आवासन एवं शहरी मंत्री मनोहर लाल ने अपने मंत्रालय के माध्यम से आमजन की सुविधा व बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के उद्देश्य पर केंद्रित तीन बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि इनके शुरू होने से विकास की नई शुरुआत देखने को मिलेगी। उन्होंने घोषणा की कि दिल्ली मेट्रो इंटरनेशनल लिमिटेड-डीएमआईएल की स्थापना की जाएगी जिसके तहत भारत के अलावा अन्य देशों के लिए यह एजेंसी मेट्रो के विस्तारीकरण की दिशा में काम करेंगी। वहीं मास रैपिड ट्रांसिट सिस्टम विकसित किया जाएगा जिसके लिए डीएमआरसी सहयोगी रहेंगी। इस सिस्टम से मेट्रो का बेहतर ढंग से एक दूसरे से जुड़ाव होगा और सुरक्षा मानकों व साइबर सिक्योरिटी सिस्टम के साथ आमजन को सुरक्षित यातायात सुविधाएं व सेवाएं कार्य करेंगी। मेट्रो सेवा में गुणवत्तापरक सुधार लाने व नए प्रयोग करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी का गठन शहरी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। इसके गठन से तीव्र गति से केपेसिटी बिल्डिंग का काम होगा और सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के साथ यह केंद्र मेट्रो सेवा में नवाचार पद्धति के साथ नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में अनेक बड़े कन्वेंशन सेंटर हैं किंतु बड़े शहरों में शामिल गुरुग्राम में भी कन्वेंशन सेंटर की जरूरत है, ऐसे में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से विचार विमर्श करते हुए यहां भी अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण कन्वेंशन सेंटर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत आत्म निर्भरता के साथ आगे बढ़ रहा है। ट्रांसपोर्ट नेटवर्किंग को जोड़ते हुए देश मेक इन इंडिया के सिद्धांत के साथ 2047 को विकसित राष्ट्र के रूप में पहचान दिलाने में अग्रणी रहेगा। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में आवश्यकता अनुरूप सकारात्मक परिवर्तन किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में यातायात पर सरकार का पूरा फोकस है। उन्होंने बताया कि भारत आज मेट्रो सेवा प्रदान करने में दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं और आने वाले करीब 3 साल में हम अमेरिका को पीछे छोडक़र अग्रणी देशों में शामिल होंगे। नई तकनीक के साथ जनसुविधाएं प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार कार्य कर रही है और इस प्रकार के सम्मेलन के माध्यम से विशेषाज्ञों के सहयोग से नवाचार पद्धाति पर हम काम करेंगे।केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में यह सम्मेलन एक सशक्त कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम देश के शहरी भविष्य को नई सोच, नई ऊर्जा और नई प्रतिबद्धता के साथ आकार दे रहे हैं। यह सम्मेलन हमारी सांस्कृतिक विरासत और विकास के संकल्प — दोनों को एक साथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत आज इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के एक परिवर्तनकारी युग से गुजर रहा है, जहाँ शहरी परिवहन केवल आवागमन का माध्यम नहीं, बल्कि आर्थिक विकास, पर्यावरणीय संतुलन और सामाजिक समानता का सशक्त साधन बन चुका है। साहू ने कहा कि इस वर्ष का सम्मेलन शहरी विकास और परिवहन का आपसी संबंध जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण और सामयिक विषय पर केंद्रित है। गतिशील और समावेशी परिवहन प्रणाली ही नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवश्यक सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन, मिशन अमृत, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मेट्रो रेल विस्तार, इलेक्ट्रिक बस सेवा, सार्वजनिक साइकिल प्रणाली और ट्रांजिट उन्मुख विकास जैसी योजनाओं ने देश में शहरी परिवहन को नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य ऐसा परिवहन तंत्र बनाना है जो समावेशी, पर्यावरण के अनुकूल और सभी वर्गों की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

सम्मेलन में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू ने कहा कि हरियाणा राज्य शहरी गतिशीलता (अर्बन मोबिलिटी) के क्षेत्र में प्रगति का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। जोकि अन्य राज्यों के लिए अनुसरण का विषय है। डॉ वुंडरू ने सम्मेलन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन सरकार, उद्योग, शिक्षण संस्थानों और आम नागरिकों के बीच सहयोग का एक सशक्त मंच प्रदान करता है। यह ऐसा मंच है जहाँ हम सभी मिलकर नए विचार, नवाचार और रचनात्मक समाधान प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रकार के प्रयास हमें केवल ढांचागत निर्माण तक सीमित नहीं रखते, बल्कि परिणाम आधारित विकास, संपर्क से सुगमता और अंतत: उस परिवर्तन की दिशा में ले जाते हैं जिसकी हम कल्पना करते है- जहाँ हमारे शहर किफायती, सुलभ और रहने योग्य बनें। आज हम जिन शहरों का स्वरूप तैयार कर रहे हैं, वही आने वाले कल के भारत की पहचान तय करेंगे।
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