अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर लगाए गए प्रतिबंध की याद दिलाते हुए कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय में फिर से संघ पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में ज्यादातर कानून-व्यवस्था की समस्याएं भाजपा-आरएसएस की वजह से पैदा हो रही हैं। यह बात मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को नई दिल्ली में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 41वें बलिदान दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में कही। इस मौके पर उनके साथ पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश भी मौजूद थे। दोनों महान नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘आयरन मैन’ सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया, जबकि ‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी ने उस एकता को बनाए रखने के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का इतिहास और देश के प्रति उसका योगदान है।
खरगे ने सरदार पटेल के उन बयानों का हवाला दिया, जिनमें उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस द्वारा फैलाए गए सांप्रदायिकता के ज़हर को ज़िम्मेदार ठहराया था। आरएसएस-भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने पटेल द्वारा 1948 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी और गुरु गोलवलकर को लिखे गए पत्रों का उल्लेख किया, जिनमें पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा हर्ष प्रकट करने और मिठाई बांटने की बात कही थी। पटेल ने कहा था कि आरएसएस और हिंदू महासभा की गतिविधियों के कारण देश में जिस वातावरण का निर्माण हुआ,उसी के परिणामस्वरूप गांधी जी की हत्या हुई। इन हालातों में सरकार के पास आरएसएस के खिलाफ कदम उठाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था।खरगे ने मोदी सरकार पर इतिहास को तोड़ मोड़कर पेश करने और बदलने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने हाल ही में एनसीआरईटी की किताबों से गांधी, गोडसे, आरएसएस और 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े अंशों को हटाए जाने का जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो सच है, वह हमेशा जीवित रहेगा और तमाम कोशिशों के बावजूद वह मिटेगा नहीं।कांग्रेस अध्यक्ष ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा नियमावली 1964 के तहत सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों से जुड़ाव पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि 9 जुलाई 2024 को मोदी सरकार ने यह प्रतिबंध हटा दिया, जिससे अब सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों से जुड़ने की अनुमति मिल गई है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि गांधी जी की हत्या के बाद जिस संस्था को सरदार पटेल ने बैन किया था, अब एनडीए सरकार ने उसी संगठन से सरकारी कर्मचारियों को जुड़ने की छूट दे दी है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के बीच मतभेद की मनगढ़ंत खबरें फैलाने के लिए भी भाजपा की तीखी आलोचना करते हुए तथ्यों के साथ पोल खोली। उन्होंने पटेल के ही शब्दों को उद्धृत किया, जिनमें उन्होंने नेहरू को देश का आदर्श और जनता का नेता बताया था। खरगे ने पटेल के निधन से तीन दिन पहले की घटना का भी उल्लेख किया, जब उन्होंने अपनी बेटी मनीबेन से कहा था कि कांग्रेस के कोषाध्यक्ष होने के नाते उनके पास जो 28 लाख रुपये हैं, वे नेहरू जी को सौंप दिए जाएं। खरगे ने कहा कि यह दोनों नेताओं के एक दूसरे पर अटूट भरोसे को दर्शाता है।खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी आदत रही है कि वे हर काम का श्रेय अकेले ही लेते हैं, जबकि देश किसी एक व्यक्ति के दम पर नहीं चलता।
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