अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज हरियाणा के रोहतक में खादी कारीगर महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी,केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि कल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती थी, जिन्होंने आजादी के आंदोलन के वक्त देश की गरीबी को दूर करने, देश को आत्मनिर्भर बनाने, स्वदेशी का विचार देने और स्वतंत्रता दिलाने के लिए खादी का उपयोग किया था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने खादी की शुरुआत की और इससे देश के लाखों बुनकरों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया। खादी का यह मंत्र हमारे देश की जनता और आजादी के आंदोलन का पोषक बन गया था।

अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद विपक्षी सरकारों ने खादी पर ध्यान नहीं दिया और इसके विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने खादी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता को खादी के उपयोग के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर 33 हज़ार करोड़ रुपए था जो आज बढ़कर 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपए हो गया है। शाह ने कहा कि खादी के टर्नओवर का सारा पैसा बुनकरों और देश की बहनों को रोजगार देने में काम आता है। खादी में आज के ज़माने के साथ बहुत परिवर्तन लाया गया है और इसकी पैकेजिंग और मार्केटिंग की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है और लोगों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित भी किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में खादी के विकास के लिए जो काम हुआ, वह अगर आजादी के बाद लगातार हुआ होता तो हमारे देश में 70 सालों तक बेरोजगारी की समस्या नहीं आती।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां विद्युत-चालित चाक, परंपरागत चरखे, सिलाई मशीन और लेदर रिपेयरिंग टूलकिट जैसे कई प्रकार के 12 संसाधन कारीगरों को दिए गए हैं। आज यहां 301 करोड़ रुपए की मार्जिन मनी का वितरण भी हुआ है। ऑर्गेनिक कॉटन केन्द्रीय पूनी संयंत्र, वर्धा का भी आज उद्घाटन हुआ है, 40 आउटलेट्स जिन्हें आधुनिक बनाया गया है, उनका भी शुभारंभ हुआ और देशभर में 8 हज़ार नई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की इकाइयों का भी उद्घाटन हुआ है।शाह ने कहा कि आजादी के समय स्वराज की कल्पना स्वदेशी और स्वभाषा के बिना अधूरी थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में देश की जनता से स्वदेशी चीज़ों को ही उपयोग करने का आग्रह किया है। देशभर के कई व्यापारियों ने अपनी दुकान में विदेशी चीज़ें न रखने का संकल्प लिया है। शाह ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के लिए स्वदेशी का यह नारा भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सभी देशवासियों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होने वाला है।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत की कल्पना रखी है, जो आज़ादी की शताब्दी के समय हर क्षेत्र में दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर होगा और उसमें हमारे स्वदेशी और खादी के अभियान की बहुत बड़ी भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता के लाभ के लिए 395 से अधिक जरूरी चीजों पर GST को शून्य या 5 प्रतिशत कर दिया है और इसका सबसे बड़ा फायदा हमारी माताओं-बहनों को होने वाला है।शाह ने कहा कि खादी ने आजादी के समय देश को स्वरोजगार, ग्रामीण उद्योग और आत्मनिर्भरता की ओर जाने का मौका दिया था, सामाजिक दृष्टि से समानता और स्वावलंबन के लक्ष्यों को सिद्ध करने का मौका दिया था और राजनीतिक दृष्टि से देश के स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी थी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया था और आज एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के’ खादी अपनाओ, स्वदेशी अपनाओ’ के बड़े अभियान से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।केंद्रीय गृह मंत्री ने देश के सभी नागरिकों से आग्रह किया कि हर परिवार 5 हज़ार रुपए की खादी हर साल ज़रूर खरीदें, जिससे हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि खादी शरीर, गरीब के घर और देश के अर्थतंत्र को फायदा पहुंचाती है। खादी ग्रामोद्योग ने ‘खादी फॉर नेशन’ को आगे बढ़ाकर प्रधानमंत्री मोदी के ‘खादी फॉर फैशन’ का सूत्र भी अपनाया है। शाह ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने खादी के साथ मधुमक्खी पालन, चर्मकारों और घर में उपयोग में आने वाली शुद्ध चीज़ों से जोड़ा है। देशभर में 5 केन्द्रीय पूनी संयंत्र हैं, जिनमें से तीन का नवीनीकरण हो चुका है और दो का नवीनीकरण जारी है। उन्होंने कहा कि इन बाकी दो संयंत्रों का नवीनीकरण होने के बाद इन पूनी संयंत्रों को नया जीवन मिलेगा और देशभर में खादी के लाखों बुनकरों को आशा की नई किरण दिखेगी।
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