अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: सुरेंद्रनगर जिले में दस दिन पहले एक गैर -कानूनी तौर पर कोयला (कार्बो सेल) की खदान में काम करते हुए तीन मजदूरों की मृत्यु हो गई। इसी तरह के हादसे सुरेन्द्र नगर जिले में बिना किसी इजाजत के गैर-कानूनी तौर पर चल रहे कोयले की खदान में होते रहते हैं। एक अंदाज के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में 100 से ज्यादा व्यक्ति जो कि गरीब और मजदूर हैं .उन्होंने कोयले की खदान में काम करते हुए जान गंवाई है। कोयला निकालने के लिए किसी भी सरकार की मंजूरी के बिना खड्डा खोदकर इसके अंदर जहाँ से कोयला निकलता है।
वहाँ समांतर (Horizontal) रास्ते में खदान बनाई जाती है। और बार- बार इसमें या तो गैस की वजह से या जमीन फिसल जाने से गरीब मजदूर जान गंवाते रहते हैं। स्थानीय लोगों का साफ मानना है कि यह गैर- कानूनी काम सरकार के अफसर और सत्ता में बैठे पदाधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार से चल रहा है। लोग बोल रहे हैं कि हर महीने एक गड्ढे का डेढ़ लाख रूपया अलग-अलग अफसरों और पदाधिकारियों को दिया जाता है। जान गंवाने वाले ज्यादातर मजदूर 35 साल से कम आयु के हैं। ऐसे जवान मजदूरों की मृत्यु को रोकना जरूरी है। इस बनाव में जो चार लोग दोषी पाए गए है, इस में दो भाजपा के नेता है। अत: मेरा अनुरोध है कि नेशनल रिसोर्सिस की गैर कानूनी तौर पर चल रही चोरी की घटनाओं की जांच किसी ज्यूडिशियल इंक्वायरी या सीबीआई के जरिए करवाई जाए ।
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