अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला:केंद्रीय ऊर्जा, आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला में आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF) के तीसरे दिन ‘नए युग की प्रौद्योगिकियाँ – विज़न 2047’ पर पैनल चर्चा को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि नई तकनीक और नवाचार को आगे बढ़ाना और उन्हें समाज के हित में अधिक से अधिक लागू करना अब हमारे वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों की जिम्मेदारी बन गई है। मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन हरियाणा के पंचकूला में हो रहा है और हम सभी इस महोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। इससे पहले भी हरियाणा को फरीदाबाद में इस महोत्सव का आयोजन करने का अवसर मिल चुका है। उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल का उद्देश्य अकादमिक जगत और उद्योग जगत को एक मंच पर लाना है, ताकि दोनों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया जा सके।उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में विज्ञान ने बहुत तरक्की की है। विज्ञान की ही बदौलत आज दुनिया बहुत छोटी लगने लगी है। दूरसंचार के माध्यम से हम वायर और वायरलेस तकनीक का उपयोग कर एक-दूसरे से बात कर सकते हैं और दुनिया में कहीं भी बैठे व्यक्ति को देख भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब इससे आगे बढ़ते हुए एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का दौर आ गया है, जिसे भविष्य की महत्वपूर्ण तकनीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि एआई टूल्स का सही उपयोग करके किसी भी समस्या का प्रभावी समाधान निकाला जा सकता है । उन्होंने कहा कि वे वैज्ञानिकों से अनुरोध करते हैं कि एआई का प्रयोग सावधानीपूर्वक और समाज हित में करें, ताकि इसका सार्थक रूप से अधिकतम लाभ उठाया जा सके।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज एआई का उपयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में भी इसके प्रयोग पर विशेष बल दिया गया है। स्मार्ट मीटरिंग और आवश्यकता के अनुसार बिजली उपकरणों के संचालन में एआई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिससे खर्च में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के अलावा आवासन के क्षेत्र में भी एआई का प्रयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। मकानों की डिजाइन इस प्रकार तैयार की जा सकती है कि वे सर्दियों में अत्यधिक ठंडे न हों और गर्मियों में बहुत गर्म न हों। इसमें एआई की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।मनोहर लाल ने कहा की भारत सरकार ने 1 लाख करोड़ का अनुसंधान,विकास और नवाचार (आरडीआई) कोष शुरू किया,जो एआई, क्वांटम, स्वच्छ ऊर्जा और बायोटेक जैसे रणनीतिक और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ ) के तहत पेशेवर निधि प्रबंधकों के माध्यम से संचालित, गहन तकनीक परियोजनाओं को वित्तपोषित करके और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर भारत को एक वैश्विक नवाचार केंद्र बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत अब संचार तकनीक में 5G से आगे बढ़कर तेज़ी से 6G की ओर अग्रसर हो रहा है।

इस अवसर पर मनोहर लाल ने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी दिए। हरियाणा से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हरियाणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में नवाचार और अनुसंधान को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री श्री मोहनलाल ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।इस अवसर पर अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी नारायण, आईआईटीएम के निदेशक डॉ. सूर्यचंद्र राव, सीएसआईआर-सीएसआईओ के निदेशक डॉ. शांतनु भट्टाचार्य सहित अन्य पैनलिस्ट भी उपस्थित थे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

