
अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज शनिवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज ग्राउंड में विजय संकल्प महारैली से झारखंड चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद किया। मंच पर पहुँचने पर शाह ने सबसे पहले भगवान्बि रसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने यहाँ के वीर विभूतियों और महान आदिवासी नेताओं को भी नमन किया। उनका जनजातीय पत्ता का टोपी, पत्ता का माला, प्रतीक चिन्ह समेत अन्य चीजें देकर स्वागत किया गया। उनके पहुंचने के साथ ही जय राम के नारे से पूरा सभास्थल गुंजायमान हो उठा।

कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश,केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा,भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, केन्द्रीय मंत्री राव साहब दानवे, भाजपा प्रभारी एवं वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री श्रीमती आशा लाकड़ा एवं हरीश त्रिवेदी सहित भाजपा के सांसद, विधायक और प्रदेश भाजपा पदाधिकारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में जनता का हुजूम उमड़ पड़ा था। शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोल्हान आंदोलनों का क्षेत्र रहा है। इस क्षेत्र ने देश की आजादी के लिए आगे बढ़ कर संघर्ष किया था। आज भी न केवल हो जनजाति के वीर हुतात्माओं को कोल्हान, बल्कि गुजरात समेत पूरा देश सम्मान के साथ याद करता है। कोल्हान की धरती इतनी समृद्ध है कि पूरे भारत की गरीबी यहां से मिटायी जा सकती है।

जब झारखंड में पूर्ण बहुमत से हमारे रघुवर दास सरकार बनी तो इस क्षेत्र में शिक्षा, सड़क, बिजली, अस्पताल – हर प्रकार के विकास कार्य शुरू किये गए लेकिन उसके बाद यहां एक ऐसी सरकार आयी, जिसने झारखंड को तबाह करके रख दिया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस संकल्प के साथ झारखंड का गठन किया था, उन संकल्पों को पूरा करने में हेमंत सोरेन सरकार पूरी तरह से असफल रही है। इस राज्य का मुख्यमंत्री तो आदिवासी है लेकिन यह सरकार आदिवासियों की विरोधी सरकार है। इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। इस सरकार के दौरान बिचौलिये, दलाल और आदिवासियों की जमीन हड़पने वाले हावी हो गए हैं। उघुसपैठियों से आदिवासी माता-बहनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हेमंत सोरेन सरकार की है लेकिन वे अपनी जिम्मेवारी से दूर भाग रहे हैं। हेमंत सोरेन अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए आदिवासी माता-बहनों की सुरक्षा और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। झारखंड की आदिवासी जनता उन्हें कभी भी माफ़ नहीं करेगी। इसका ट्रेलर 2024 के विधानसभा चुनाव में ही दिख जाएगा।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

