अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा: साइबर ठगों ने खुद को फेडेक्स कोरियर कंपनी का कर्मचारी बताकर महिला को डिजिटल अरेस्ट कर, उन से 84 लाख की ठगी करने के मामले में तीन ठगों को साइबर थाने की टीम ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में खाताधारक शामिल है जिन खातों में रकम जमा की गई थी, और एक बैंककर्मी भी शामिल हैं। गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है।
साइबर थाने की पुलिस के गिरफ्त मे खडे राम सिंह, अक्षय कुमार और नरेंद्र सिंह चौहान के खाते ठगी की रकम जमा की गई थी, पुलिस ने तीनों को गिरफ्तारी से पहले ठगी के 21 लाख रुपए फ्रीज भी कराए थे, जिसमें से 18 लाख रुपए पीड़ित महिला के मूल खाते में वापस भी आ चुके हैं. साइबर क्राइम थाना प्रभारी ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद जिन खातों में रकम गई उनकी जांच शुरू की गई थी. जांच के दौरान इन तीन आरोपितों के नाम सामने में आए। अक्षय कुमार बैंककर्मी है, जबकि राम सिंह खाताधारक है।
साइबर ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट कर बैंक संबंधी सारी जानकारी हासिल करने के बाद महिला से 84 लाख 16 हजार 979 रुपए यह कहकर ट्रांसफर करा लिए कि जांच के बाद सारी रकम मूल खाते में आ जाएगी। लेकिन महिला पर जब लोगों से पैसे उधार लेकर ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा तब उसे ठगी की आशंका हुई और साइबर क्राइम थाने की पुलिस को शिकायत की.
साइबर क्राइम थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपितों ने पूछताछ से पता चला कि वे निजी बैंकों में सांठगांठ कर बैंककर्मी के माध्यम से आम लोगों के करंट खाते खुलवाते हैं। इन्हीं खातों में ठगी और धोखाधड़ी की रकम ली जाती थी। खाते में आई रकम को आरोपित कमीशन के रूप में आपस में वितरित कर लेते हैं। आरोपित राम सिंह ने अन्य दोनों के साथ मिलकर इंडसइंड बैंक में खाता खुलवाया, जिसमें 69 लाख 78 हजार 894 रुपए प्राप्त किए गए थे, जिसको तीनों ने आपस में वितरित कर लिए थे। आरोपितों के पास से बरामद एवं धोखाधड़ी में इस्तेमाल बैंक खातों को एनसीआरपी पोर्टल पर जब चेक किया गया तो उनपर 41 शिकायतें दर्ज होने की जानकारी मिली।
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