अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की 128वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। बैठक में प्रदेश के हजारों आवंटियों को राहत देने वाली एमनेस्टी योजना को लागू करने की घोषणा की गई, जिससे 6 जुलाई 2020 के बाद ई-नीलामी के माध्यम से बेचे गए रद्द किए गए रिहायशी प्लॉटों को नियमित किया जा सकेगा।इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एचएसवीपी की तीन महत्वपूर्ण डिजिटल पहलों का भी शुभारंभ किया, जिनमें ई-आवास पोर्टल, ऑनलाइन एक्स-ग्रेशिया पॉलिसी आवेदन पोर्टल और जल बिलिंग डेटाबेस को पीपीएम सिस्टम से जोड़ने का ऑनलाइन तंत्र शामिल है।
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक था फरीदाबाद एस्टेट में एस्टेट ऑफिसर ॥ के नए पद का सृजन। वर्तमान में फरीदाबाद शहरी एस्टेट में 62,606 संपतियाँ दर्ज हैं, जिनमें रिहायशी, वाणिज्यिक तथा संस्थागत श्रेणियाँ शामिल हैं। यह संख्या राज्य के किसी भी शहरी एस्टेट में सबसे अधिक है। तुलना करें तो गुरुग्राम के दोनों एस्टेट ऑफिस मिलाकर केवल 55,735 संपतियाँ प्रबंधित कर रहे हैं।फरीदाबाद एस्टेट ऑफिसर का कार्यक्षेत्र अत्यंत विस्तृत है। यह 70 सेक्टरों में फैला हुआ है, जिसमें न केवल फरीदाबाद के शहरी एस्टेट शामिल हैं बल्कि पलवल, हथीन, नूंह, रोजका मेव और तावडू के एस्टेट भी इसके अंतर्गत आते हैं। इस व्यापक कार्यक्षेत्र को देखते हुए लंबे समय से प्रशासनिक तथा विकास कार्यों में अत्यधिक भार महसूस किया जा रहा था।नए एस्टेट ऑफिसर पद के सृजन से कार्य विभाजन में संतुलन आएगा, जिससे विकास कार्यों को गति मिलेगी, प्रशासनिक प्रक्रियाएँ सरल होगी और नागरिकों को समयबद्ध सेवाएँ मिल सकेंगी। इससे एचएसबवीपी के कार्य निष्पादन में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।मुख्यमंत्री द्वारा घोषित एमनेस्टी योजना का उद्देश्य उन आवंटियों को राहत प्रदान करना है जिनके रिहायशी प्लॉट ई-नीलामी के बाद रद्द कर दिए गए थे। यह योजना 6 जुलाई 2020 से लेकर इस योजना की घोषणा तक आयोजित हुई ई-नीलामियों में खरीदे गए रिहायशी श्रेणी के प्लॉटों (ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को छोड़कर) पर लागू होगी। जो बोलीदाता प्लॉट की कुल लागत के 25% में से कम से कम 15% राशि पहले ही जमा कर चुके थे, किन्तु शेष राशि समय पर जमा न कर पाने के कारण जिनके प्लॉट रद्द कर दिए गए, वे इस योजना के अंतर्गत पात्र होंगे।इस योजना के तहत ऐसे आवंटियों को अपनी बकाया राशि पर 18% वार्षिक ब्याज सहित पूर्ण भुगतान करना होगा। यह ब्याज दर देय तिथि से लेकर वास्तविक भुगतान तिथि तक लागू रहेगी।पहली एमनेस्टी योजना का लाभ न उठा पाने वाले बोलीदाता इस योजना के तहत भी पात्र होंगे। ऐसे आवंटियों को बकाया राशि पर 24% वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करना होगा।महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना के तहत संपूर्ण राशि (मूल ब्याज) योजना की अधिसूचना जारी होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर जमा करनी होगी। इस अवधि में कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा और किस्तों में भुगतान का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ सेक्टर-23 में सरकारी कॉलेज के निर्माण हेतु HPGCL की 5 एकड़ भूमि को उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा के नए अवसर सृजित होंगे। HSVP ई-आवास पोर्टल (हाउस अलॉटमेंट सिस्टम के लिए): यह पोर्टल HSVP के कर्मचारियों के लिए स्टाफ क्वार्टर की आवंटन प्रक्रिया को पूर्ण रूप से डिजिटल बनाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा तथा सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड किए जा सकेंगे। HRMS के साथ एकीकरण के माध्यम से पात्रता का स्वतः सत्यापन संभव होगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।ऑनलाइन एक्स-येशिया पॉलिसी आवेदन पोर्टलः यह पोर्टल HSVP के दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसके माध्यम से वे ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और आवश्यक दस्तावेज जैसे मृत्यु प्रमाणपत्र, सेवा प्रमाण पत्र तथा शपथ पत्र अपलोड कर सकेंगे। यह पोर्टल पूरी प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और संवेदनशील बनाएगा।जल बिलिंग डेटाबेस को PPM सिस्टम के साथ एकीकृत करने का ऑनलाइन तंत्रः अब जल बिलिंग सिस्टम को HSVP के प्लॉट एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (PPM) के साथ जोड़ दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्लॉट ट्रांसफर जैसी प्रक्रियाओं के दौरान जल बिल की बकाया राशि को स्वतः सत्यापित किया जा सके। पहले इस एकीकरण के अभाव में आवंटियों को कई बार बाधाओं का सामना करना पड़ता था।मुख्यमंत्री ने HSVP के सभी शहरी एस्टेट में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि सभी सड़क मरम्मत कार्य 15 जून से पहले पूरे कर लिए जाएँ। साथ ही, सभी पार्कों में साफ-सफाई, रोशनी, फुटपाथ और बैठने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, नगर एवं ग्राम नियोजन तथा शहरी एस्टेट विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, मुख्यमंत्री के ओएसडी बी.बी. भारती समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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