अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: राज्य विजिलेंस एवं एसीबी, गुरुग्राम ने आज गुरुवार को एफआईआर नंबर 13 दिनांक 08.04. 2024 धारा 409, 420, 120 बी. भा.द.स. व 7, 8 व 13 पी.सी. एक्ट थाना राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम में आरोपित अमरजीत निवासी गांव मोकलवास थाना बिलासपुर जिला गुरुग्राम तत्कालीन लेखाकार, कार्यालय महाप्रबंधक, आई.सी.डी.पी. गुरुग्राम हाल आंकड़ा सहायक कार्यालय डी.आर.सी.एस., गुरुग्राम को तफ्तीश के दौरान उसके विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होने पर गिरफ्तार किया गया। आरोपित को कल शुक्रवार को न्यायालय, गुरूग्राम में पेश किया जायेगा।
मामले में आरोप है, कि आई.सी.डी.पी. (एकीकृत सहकारी विकास कार्यक्रम) स्कीम के तहत वर्ष 2022-23 में गुरुग्राम जिले की 26 पैक्स तथा 1 डी.सी.सी .बी. बैंक (District Central Cooperative Bank) तथा 3 बैंक शाखाओं में सोलर एनर्जी यूनिट, कम्प्यूटर व प्रिंटर, जी.एस.टी. सॉफ्टवेयर तथा बैंक में नोट गिनने की मशीन लगाने का टेंडर महाप्रबंधक राजेश सहरावत, आई.सी.डी.पी. गुरुग्राम द्वारा लेबे इण्डिया, बनब्रिज इंडिया, बनटम व फ्रेश खाता कंपनियों के मालिक स्टालियन जीत को करीब कुल 6,91,89,259/-रू.रूपए में दिया गया था। उपरोक्त कम्पनियों द्वारा 26 पैक्स तथा एक डी.सी.सी.बी. बैंक तथा 3 बैंक शाखाओं को निम्न गुणवत्ता का सामान सप्लाई किया गया। इस सामान की कीमत करीब 2,87,34,116/रुपए . बनती है। जबकि कंपनियों के मालिक स्टालियन जीत द्वारा असल सामान सप्लाई के बिल लगभग 6,91,89,259/रुपए राशि के विभाग को प्रस्तुत किए गए।
आरोपित राजेश सहरावत, महाप्रबंधक, आई.सी.डी.पी.गुरुग्राम व अमरजीत सिंह, लेखाकार कार्यालय महाप्रबंधक आई.सी.डी.पी. गुरुग्राम द्वारा कंपनी मालिक स्टालियन जीत से मिलीभगत करके उसके द्वारा विभाग को सप्लाई किए गए निम्न गुणवत्ता सामान राशी (करीब 2,87,34,116/रू.) की बजाए असल सामान बिल राशी करीब 6,91,89,259/रुपए का भुगतान किया गया। इस प्रकार उपरोक्त आरोपितों द्वारा आपस में मिलीभगत करके सरकार को कुल करीब 4,04, 55,143/-रुपए . की वित्तीय हानि पहुंचाई गई है। इस मामले में जांच उपरान्त मुकदमा संख्या 13 दिनांक 8.4.2024,थाना राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम में दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में आरोपित राजेश सहरावत, तत्कालीन महाप्रबंधक, आई.सी.डी.पी., गुरुग्राम को पहले ही एसीबी द्वारा गिरफतार किया जा चुका है तथा आरोपित स्टालियनजीत उपरोक्त (प्राइवेट व्यक्ति) इस मामले में अभी फरार है। आरोपित स्टालियनजीत की गिरफ्तारी के लिए एसीबी, हरियाणा द्वारा 20,000/-रुपए नकद पुरस्कार की घोषणा भी की गई है।
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