अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने जितेन्द्र तेजभाई हीरागर और अन्य के खिलाफ एक मामले में 29.10.25 दिनांक अंतिम कुर्की आदेश (पीएओ) के तहत 35.80 करोड़ रुपये की राशि को 300 से अधिक बैंक खातों में मौजूद शेष राशि के रूप में अस्थायी रूप से कुर्क किया है (जिनमें सट्टेबाजी, जुआ और अन्य अवैध गतिविधियों के माध्यम से अपराध की आय जमा है)। यह जांच 448 बैंक खातों (प्राथमिक खाते) से शुरू की गई थी, जो भोले-भाले व्यक्तियों के जाली दस्तावेजों का उपयोग करके खोले गए थे।आगे की धन-शोधन जांच में पहली परत के 995 से अधिक बैंक खातों की छानबीन की गई जिनमें 1000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ था।
ईडी ने जितेंद्र तेज भाई हीरागर और अन्य के खिलाफ अपराध शाखा, अहमदाबाद शहर पुलिस द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।ईडी की जांच से पता चला कि भोले-भाले लोगों के जाली दस्तावेज़ों का उपयोग करके खोले गए बैंक खाते आगे बाज़ी, जुए और अन्य संबंधित अवैध गतिविधियों से जुड़े उच्च-मात्रा के बैंकिंग लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक अच्छी तरह से संगठित रैकेट के सदस्यों को सौंप दिए गए थे। इन डमी बैंक खातों का उपयोग ऑनलाइन अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों और अन्य अवैध गतिविधियों के माध्यम से भोले-भाले व्यक्तियों को धोखा देने के लिए किया गया था।ईडी ने अवैध जुआ, सट्टेबाजी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए गए 300 से अधिक बैंक खातों में मौजूद 35.80 करोड़ रुपये की राशि का पता लगाया है और उसे जब्त कर लिया है। आगे की जांच जारी है।
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