अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
सूरजकुंड (फरीदाबाद):हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशन में एवं राज्य के पर्यटन मंत्री अरविन्द शर्मा के मार्गदर्शन में सूरजकुंड परिसर में आयोजित द्वितीय सूरजकुंड दिवाली मेला 2025 इस वर्ष “आत्मनिर्भर भारत – स्वदेशी मेला” की थीम पर आधारित है। यह मेला 7 अक्टूबर 2025 तक चलेगा और देश की विविध सांस्कृतिक विरासत, हस्तशिल्प, पारंपरिक खानपान और लोक कलाओं का अद्भुत संगम प्रस्तुत कर रहा है। गत रविवार की शाम आयोजित सांस्कृतिक संध्या इंडियन आइडल विजेता सलमान अली के नाम रही। हरियाणा के इस प्रतिभाशाली गायक ने द्वितीय सूरजकुंड दिवाली उत्सव में अपने एकल प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। देशभर के संगीत प्रेमियों का दिल जीत चुके सलमान अली ने अपनी सुरीली आवाज और जोशपूर्ण प्रस्तुति से कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। मंच पर आते ही उन्होंने सुरों और ताल की ऐसी छटा बिखेरी कि पूरा वातावरण संगीत की लहरों में डूब गया और दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए।
द्वितीय सूरजकुंड दिवाली उत्सव की सांस्कृतिक संध्या में इंडियन आइडल विजेता सलमान अली ने अपने सुरों का ऐसा जादू बिखेरा कि पूरा माहौल संगीत और उत्साह से सराबोर हो उठा। उन्होंने “मेरे रश्के कमर”, “तुझे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी”, “तेरी दीवानी” और “मुस्कुराने की वजह तुम हो” जैसे लोकप्रिय गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी दमदार आवाज़ और भावपूर्ण प्रस्तुति से प्रभावित होकर दर्शक अपनी सीटों से उठ खड़े हुए और संगीत की धुन पर झूमने लगे।कार्यक्रम का सबसे भावनात्मक क्षण तब आया जब सलमान अली ने “सुनो गौर से दुनिया वालों” गीत प्रस्तुत किया। इस दौरान पूरे सभागार में दर्शकों ने अपने मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट जला दीं, जिससे चारों ओर रोशनी और देशभक्ति का अद्भुत दृश्य दिखाई देने लगा। यह क्षण एकता, जोश और भारतीयता का प्रतीक बन गया, जिसमें उपस्थित सभी लोगों के दिलों को छू लिया।सलमान अली ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत “मेरे रश्के कमर”, “सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम”, “तेरी दीवानी” और “चेहरा है या चाँद कोई” जैसे भावपूर्ण गीतों से की। इसके बाद “छैंया छैंया”, “तेरे मस्त मस्त दो नैन” और “आवारा (दबंग)” जैसे ऊर्जावान गीतों से मंच पर जोश भर दिया। उन्होंने “मेरा दिल भी कितना पागल है” और अरिजीत सिंह मेडले — “मुस्कुराने की वजह तुम हो”, “शामें मलंग सी”, “ऐ दिल है मुश्किल” और “ले जाए जाने कहां हवाएं” — जैसे गीतों से दर्शकों को भावनाओं की गहराई में ले गए। इसके बाद रेट्रो मेडले में “गुलाबी आंखें”, “आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हैं”, “आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा”, “बदन पे सितारे” और “ओ ओ जाने जाना” जैसे सदाबहार गीतों ने पुरानी यादें का सुंदर माहौल बना दिया। दर्शकों ने “दमादम मस्त कलंदर”, “सावन में लग गई आग”, “कजरा मोहब्बत वाला”, “ओ रे पिया”, “जरा सी दिल में जगह दे तू” और “कैसे हुआ” जैसे गीतों पर खूब झूमकर आनंद लिया।कार्यक्रम के अंत में सलमान अली ने पंजाबी व न्यू मिक्स मेडले प्रस्तुत कर समां बांध दिया। पूरे समारोह में संगीत, उमंग और देशभक्ति का ऐसा संगम देखने को मिला जिसने सूरजकुंड दिवाली उत्सव की इस शाम को वाकई यादगार बना दिया।
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