अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) दिल्ली द्वारा शनिवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों के लिए ‘जीवन विद्या शिविर’ का आयोजन किया गया। 28 जनवरी से 1 फरवरी तक चलने वाले इस पांच दिवसीय शिविर में दिल्ली सरकार के स्कूलों के 4,000 शिक्षक भाग लेंगे। शनिवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसमें भाग लिया और ट्रेनिंग में भाग ले रहे शिक्षकों को संबोधित किया। इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि जीवन विद्या शिविर के अगले 5 दिन बेहद महत्वपूर्ण होने वाले है| उन्होंने कहा कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में बहुत कुछ अच्छा किया जा रहा है लेकिन अभी इसमें बहुत सी खामियां भी है| हमें स्कूलों में शिक्षा सुधार के लिए छोटी छोटी बातों पर ध्यान देने की जरूरत होगी क्योंकि छोटी छोटी खामी ही तरक्की के रास्ते में बाधा बनती है। 5 दिन के इस जीवन विद्या शिविर से शिक्षा व्यवस्था में मौजूद उन गैप को भरने में मदद मिलेगी।
हमें समझने की जरूरत है कि इस शिविर का आयोजन क्यों हो रहा है? इसकी हमारे शिक्षकों-हमारे शिक्षा विभाग के लिए क्या आवश्यकता है? इसे हमें समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सब मेहनत कर रहे है कि बच्चों के अंदर कुछ प्रोफेशनल योग्यता विकसित करें। साथ ही ये भी चाहते है कि उसके अंदर एक इन्सान के रूप में जो योग्यता होने चाहिए उसका भी विकास हो सकें। इन दोनों को साथ में कैसे लाया जा सकें| इसके लिए इस शिविर का आयोजन। उन्होंने कहा कि हम अपने संस्थानों से शानदार प्रोफेशनल्स निकाल रहे है। हमारे शिक्षकों की मेहनत के बदौलत दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चे आईआईटी में जा रहे है, डॉक्टर बन रहे है| एजुकेशन सिस्टम इसकी गारंटी लेने लगा है कि हम बच्चों को शानदार प्रोफेशनल बना देंगे लेकिन गारंटी नहीं दे पाते कि वो बेहतर इंसान होगा, जिस समाज में जायेगा उस समाज में कुछ अच्छा करेगा, अच्छे इंसान के रूप में जायेगा। सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा में ये सुनिश्चित कैसे किया जाये कि जिस तन्मयता के साथ हम उसके प्रोफेशनल होने की योग्यता विकसित करने की गारंटी देते है। ठीक उसी तरह हम उसके बेहतर इंसान होने की गारंटी ले| ये शिविर इस सवाल के जवाब को ढूँढने में हमारे शिक्षकों की मदद करेगा।
सिसोदिया ने शिक्षकों से कहा कि जब वे 5 दिन के इस शिविर से गुजर रहे हो तो अपना भी आंकलन करे कि आपको जो शिक्षा मिली है उसने आपको एक प्रोफेशनल के रूप में आगे बढ़ने में कितना योगदान दिया है और एक बेहतर इंसान बनाने में कहा खड़ा रहा है। अगर आप अपना आंकलन कर बेहतर ढंग से सकें तो बच्चों के प्रोफेशनल डेवलपमेंट व अच्छे इंसान बनने के बीच के डॉट्स को जोड़ पायेंगे। दिल्ली शिक्षा क्रांति का स्तंभ होने के नाते, शिक्षकों का काम बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ उनके संपूर्ण जीवन को सही दिशा देना है,ताकि वे देश व इंसानियत की सही मायने मे सेवा कर सके उस दिशा में जीवन विद्या शिविर बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
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