अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-सह-सचिव, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) गुरुग्राम, राकेश कादियान ने जिला कारागार भोंडसी का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की चेयरपर्सन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश, वाणी गोपाल शर्मा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। निरीक्षण के उपरांत, जेल परिसर में ही जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान बंदियों के रहने की व्यवस्था, चिकित्सकीय सुविधाएं और व्यावसायिक प्रशिक्षण की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बंदियों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जेल में स्थित लीगल ऐड क्लिनिक का भी दौरा किया। यहाँ कार्यरत पारा लीगल वॉलंटियर्स से बातचीत करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी बंदी बिना कानूनी सहायता के न रहे।
जेल प्रशासन के सहयोग से आयोजित लोक अदालत में ऐसे मामले प्राथमिकता से लिए गए, जिन्हें आपसी सहमति या समझौते से निपटाया जा सकता था। इस जेल लोक अदालत में कुल सात मामलों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से चार का निस्तारण मौके पर ही हो गया।इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह सचिव, डीएलएसए गुरुग्राम राकेश कादियान ने कहा कि हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार है। जेल में रह रहे बंदियों को भी वही अधिकार प्राप्त हैं, जो एक आम नागरिक को हैं। उन्होंने कहा कि जेल लोक अदालत का उद्देश्य केवल मामलों का निस्तारण करना ही नहीं, बल्कि बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना भी है।
उन्होंने यह भी बताया कि निःशुल्क विधिक सहायता और लोक अदालत जैसी पहल से हर बंदी तक न्याय पहुँचाना जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की प्राथमिकता है।यह पहल जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, गुरुग्राम के उस सतत प्रयास का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत न्याय को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के साथ-साथ बंदियों के पुनर्वास और समाज में पुनः एकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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