अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पटना/दिल्ली: युवाओं की बौद्धिक क्षमता और शारीरिक मजबूती के बल पर ही भारत भविष्य में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकता है। यह विचार पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ए.एन. कॉलेज में आयोजित सेमिनार “स्किल्स फॉर यूथ टू स्ट्राइव एंड थ्राइव” के दौरान व्यक्त किए। इस कार्यक्रम का आयोजन कम्युनिकेशन स्किल्स के क्षेत्र में अग्रणी शिक्षण संस्थान ब्रिटिश लिंगुआ और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), ए.एन. कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। डॉ. पासवान ने कहा, “भारत में युवाओं की संख्या अमेरिका की कुल आबादी से भी अधिक है। बुद्धि और शरीर का समन्वय कर आज की युवा पीढ़ी न केवल अपना बल्कि देश का भविष्य भी उज्ज्वल बना सकती है।”
इस अवसर पर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. नागेंद्र कुमार झा ने युवाओं को सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए कहा, “देश को आगे बढ़ाने के लिए मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक और कौशल विकास में समान रूप से कार्य करना आवश्यक है।”बिहार के गन्ना आयुक्त अनिल कुमार झा ने कहा, “आज के युवाओं को अपने लिए एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।” उन्होंने वैज्ञानिकों के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि यूरिया की खोज करने वाले वैज्ञानिक ने 20,000 बार के प्रयास के बाद सफलता पाई और उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।ए.एन. कॉलेज के प्राचार्य प्रो. प्रवीण कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनकी शिक्षाओं को अपनाकर हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।”
एनएसएस समन्वयक प्रो. रत्ना अमृत ने कहा, “स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि चरित्रवान व्यक्ति ही समाज का भला कर सकता है। समाज के विकास के लिए युवाओं को अपने चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।”ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक और प्रख्यात विद्वान डॉ. बीरबल झा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद का जीवन स्वयं में एक संदेश है। युवाओं को उनके बताए मार्ग पर चलते हुए अपने कौशल को विकसित करने की आवश्यकता है। बिना कौशल के व्यक्ति समाज और देश पर बोझ बन जाता है।
“इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाले आशुतोष कुमार, कृष्ण कुमार तिवारी, सुश्री अंकिता सिंह, सौरभ तिवारी, विक्की आनंद, और श्वेत रंजन को स्वामी विवेकानंद युवा अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही भाषण प्रतियोगिता में अमृतांश कुमार को प्रथम, अनिकेत कुमार को द्वितीय, और रीना कुमारी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरणा ली।
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