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हरियाणा पुलिस ने लगभग 48 घंटों में राज्य के 15 जिलों में तबलीगी जमात के 1300 से अधिक लोगों को ट्रैक किया: डीजीपी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़; हरियाणा पुलिस लगभग 48 घंटों में राज्य के 15 जिलों में तबलीगी जमात के 1300 से अधिक लोगों को ट्रैक करने में सफल रही है। पुलिस द्वारा इन उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को ट्रैक कर कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार उनकी चिकित्सकीय जाँच करवाकर उन्हें क्वाॅरेंटाइन में भेजने की तेजी से की गई कार्रवाई से हरियाणा में कोविड-19 संक्रमण के खतरे को काफी हद तक निंयत्रित किया गया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने इस संबंध में खुलासा करते हुए बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा 31 मार्च, 2020 को दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की स्थिति के बारे में हरियाणा पुलिस को सतर्क किया गया था। तबलीगी जमात के वर्करों की उपस्थिति से उत्पन्न खतरे के मद्देजनर एक विस्तृत योजना तैयार कर सभी जिला पुलिस इकाइयों को हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में तबलीगी जमात की पार्टियों को ट्रैक करने के लिए तुरंत कार्रवाई के लिए कहा गया। पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि इन जमात वर्करों  ने एक उच्च जोखिम समूह का गठन किया है और प्रोटोकॉल के अनुसार सावधानीपूर्वक इन्हें हैंडल किया जाना चाहिए।
 
तेजी से की गई प्रभावी कार्रवाई के परिणामस्वरूप, अब तक हरियाणा पुलिस प्रदेष के 15 विभिन्न जिलों से तबलीगी जमात के 1305 वर्करों को ट्रैक करने में सफल रही है। उनमें से अधिकांश को तुरंत जिला प्रशासन द्वारा स्थापित विभिन्न क्वाॅरेंटाइन केंद्रों में रखा गया है। इनमें से लगभग 500 तबलीगी जमात के वर्करों ने स्वीकार किया कि उन्होनें दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में स्थित “बंगलेवाली मस्जिद” का दौरा किया था, जिसे “मरकज़” के नाम से भी जाना जाता है। आठ व्यक्तियों का टेस्ट करने के बाद, अब तक पलवल और नूंह के तीन-तीन और अंबाला के दो लोगों को कोविड-19 पाॅजिटीव पाया गया है। डीजीपी ने आगे जानकारी देते हुए खुलासा किया कि इनमें से 106 तबलीगी जमात वर्कर विदेशी नागरिक हैं जिन्हें हरियाणा के पांच अलग-अलग जिलों फरीदाबाद, अंबाला, पानीपत, पलवल और नूंह से ट्रैक किया गया है। ये विदेशी ज्यादातर इंडोनेशिया,फिलीपींस,नेपाल, बांग्ला देश , श्रीलंका और थाईलैंड से संबधित हैं। इन सभी को क्वाॅरेंटाइन में रखा गया है और उनके पासपोर्ट पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं। इन पांच जिलों में आईपीसी और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
 
उन्होने कहा कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, असम, बिहार आदि राज्यों के 933 तबलीगी जमात वर्कर जो तबलीग से संबंधित कार्यों के लिए हरियाणा में थे उन पर भी नज़र रखी गई है और उन सभी को क्वाॅरेंटाइन केंद्रों या मस्जिदों जहाँ वे पाये गए रखा गया है।उनके सैंपल एकत्र कर जांच के लिए संबंधित प्रयोगशालाओं को भेजे गए हैं। हरियाणा पुलिस ने हरियाणा से संबंधित 266 तबलीगी जमात के लोगों को भी ट्रैक किया है, जो अलग-अलग राज्यों में तब्लीग से संबंधित कार्यों के लिए गए थे और पिछले 10 दिनों के दौरान अपने गांवों में वापिस आए हैं। चूंकि वे कोरोना वायरस के संभावित वाहक भी हैं, इसलिए उन्हें क्वाॅरेंटाइन में रखा गया है। वे ज्यादातर गुरुग्राम, पंचकुला, यमुनानगर, पानीपत, नूंह, सोनीपत, जींद और पलवल जिलों से संबंधित हैं। इस आंकडे का एक दिलचस्प पहलू यह है कि पूरे हरियाणा में ट्रैक किए गए तबलीगी जमात के लगभग आधे वर्कर जिला नूंह में पाए गए। 57 विदेशी तथा अन्य राज्यों से 528 सहित 636 तबलीगी जमात वर्कर अकेले जिला नूंह में ट्रैक किए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के कार्यकर्ताओं को ट्रैक करते हुए उनके पासपोर्ट जब्त कर उन्हें क्वाॅरेंटाइन में भेजने  की तेजी से की गई पुलिस कार्रवाई की राज्य सरकार और सामान्य लोगों ने सराहना की है।

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