
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने आज राज्य स्तरीय 79 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर अंबाला में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इससे पूर्व उन्होंने पुलिस लाईन परिसर में स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को नमन कर श्रद्धाजंली अर्पित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने आकाश में गुब्बारे छोडक़र स्वतंत्रता दिवस की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह में युद्ध वीरांगनाओं, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों, आपातकालीन व हिन्दी आंदोलन में भाग लेने वाले महानुभावों को भी सम्मानित किया।राज्यपाल प्रो असीम कुमार घोष ने अपने संदेश में कहा कि आपको स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। मैं दिन-रात देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों को स्वतंत्रता दिवस की विशेष रूप से बधाई देता हूं।

79 साल पहले वर्ष 1947 में आज के दिन हर भारतवासी का आजादी पाने का सपना साकार हुआ था। यह दिन उन अनगिनत शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का भी अवसर है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें यह आजादी दिलाई। मैं सभी ज्ञात-अज्ञात शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। साथ ही महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त करता हूं। आज हर साल की तरह ‘हर घर तिरंगा अभियान‘ से पूरा देश देश भक्ति के रंग में रंगा है। हर घर, गली, मुंडेर और हर मोहल्ले में तिरंगा फहरा रहा है। आज हम उन राष्ट्र निर्माताओं, सीमा प्रहरी सैनिकों, प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों, अन्नदाता किसानों, मेहनतकश कामगारों के प्रति भी गहन कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा, साहस और मेहनत के बल पर भारत को दुनिया की बड़ी शक्ति बना दिया है। हरियाणा वासियों को गर्व है कि हमने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई। स्वतंत्रता आन्दोलन की पहली चिंगारी 8 मई 1857 को यहां अंबाला से ही फूटी थी। उन सेनानियों की याद में यहां ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक‘ 538 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।

हरियाणा के वीरों ने आजादी के बाद भी देश की सीमाओं की सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे सैनिकों ने 1962, 1965, 1971 के विदेशी आक्रमणों व ऑपरेशन कारगिल युद्ध के दौरान वीरता की नई मिसाल पेश की। हमारा कर्तव्य है कि हम शहीदों के परिवारों का सहारा बनें। मुझे खुशी है कि इस दिशा में हरियाणा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं की पेंशन बढ़ाकर 40 हजार रुपये मासिक की है। आज आजादी का जश्न मनाने के साथ-साथ अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने का दिन भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर सुनी जाती है। आज हमारा देश अपनी उन्नत तकनीक के बल पर न केवल मिसाइल बना रहा है, बल्कि हम सूर्ययान, चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशन भी पूरे कर रहे हैं। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी दुनिया ने हमारी स्वदेशी तकनीक और हथियारों की ताकत देखी है।

यही नहीं, हमारी सेना ने ऑपरेशन महादेव चलाकर पहलगाम के गुनहगारों को उनकी करनी की सजा भी दी है। भारत की इस गौरवपूर्ण विकास यात्रा में हर कदम पर हर भारतीय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन हरियाणा के लोग विशेष बधाई के पात्र हैं कि आपने अपनी मेहनत से इस छोटे से राज्य को देश के सबसे अधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। आपने अपनी प्रगतिशील सोच, प्रतिभा और मेहनत के बलबूते बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हरियाणा प्रतिव्यक्ति आय, औद्योगिक उत्पादन, विदेशी निवेश, शिक्षा, खेल, कृषि, परिवहन आदि हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया है। अन्न उत्पादन में हरियाणा का अग्रणी स्थान है। देश की सडक़ों पर दौडऩे वाली हर दूसरी कार हरियाणा में बनती है। हरियाणा में देश के 52 प्रतिशत ट्रैक्टरों का निर्माण होता है।आज जब हम आजादी का पर्व मना रहे हैं तो मुझे खुशी है कि हरियाणा सरकार ने पिछले साढ़े 10 वर्षों में प्रदेश की जनता को भेदभाव करने वाली व्यवस्था से आजादी दिलाई है। प्रदेश में हर सरकारी योजना एवं कार्यक्रम को 100 से अधिक पोर्टल व ऐप के माध्यम से पारदर्शी किया गया है। बिना खर्ची-पर्ची के नौकरी देने, ऑनलाइन ट्रांसफर, पढ़ी-लिखी पंचायतों और अंत्योदय अभियान की आज पूरे देश में चर्चा है। प्रदेश में नहरों, सडक़ों व रेलमार्गों का मजबूत जाल बिछा है, उद्योग धंधे फल-फूल रहे हैं, मेट्रो रेल का विस्तार हो रहा है, अनेक ओवर ब्रिज व पलाई ओवर बन चुके हैं, शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उच्चकोटि के संस्थान खुल चुके हैं। खेल के क्षेत्र में हरियाणा ओलम्पिक और अन्य अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में भारत की शान बढ़ाने वाले खिलाडिय़ों का राज्य है। एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते हरियाणा में विकास व प्रगति का लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इस कृषि प्रधान राज्य ने उद्योग और व्यापार के फलने-फूलने के अनुकूल माहौल बनाया है। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए ’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का एक इको-सिस्टम तैयार किया है। भौतिक विकास के दौर में हमने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी सुरक्षित रखा है। प्रधानमंत्री जी ने 2047 तक जिस विकसित भारत की कल्पना की है हरियाणा उसे साकार करने की दिशा में कई मंजिलें तय कर चुका है। मैं इन उपलब्धियों के लिए हरियाणा के उद्यमियों, कर्मठ किसानों और श्रमिकों को बधाई देता हूं।
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