अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा प्रायोजित विरोध प्रदर्शन पर जम कर हमला बोला और इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का ‘हिडेन अर्थात् छिपा हुआ एजेंडा बताया। शाह ने कहा कि मेरा यह मानना है कि एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी होने के नाते कांग्रेस को कानून का सहयोग करना चाहिए था लेकिन कांग्रेस शुरू से लेकर अब तक नेशनल हेराल्ड मामले में असहयोग की राजनीति कर रही है। नेशनल हेराल्ड केस का पूरा मामला अदालत द्वारा रजिस्टर की गई एफआईआर के आधार पर ही हो रही है। कांग्रेस इस मामले में हर रोज पर्दर्शन करती है लेकिन जहां तक आज का सवाल है तो मेरा यह स्पष्ट मानना है कि कांग्रेस पार्टी ने आज के विरोध प्रदर्शन के माध्यम से गुप्त तरीके से अपनी तुष्टिकरण की नीति को आगे बढाया है।
कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने किसी को तलब किया था, न कोई रेड मारी है और न ही ED ने आज कोई पूछताछ की है। अचानक से आज 5 अगस्त को कांग्रेस ने यह विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा। मैं समझ नहीं सकता कि विरोध कार्यक्राम आज ही के दिन क्यों रखा गया। कांग्रेस हर दिन प्रदर्शन करती थी लेकिन कार्यकर्ता अपने-अपने कपड़ों में होते थे। पर, आज कांग्रेस ने काले कपड़े पहन कर विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि आज ही के दिन हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर का शिलान्यास किया था और लगभग 550 वर्ष पुरानी समस्या का बहुत शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकाला था।
इस पर कहीं भी न तो दंगा हुआ था, न हिंसा हुई थी और पूर्ण सामाजिक सद्भाव के साथ प्रधानमंत्री ने देश के करोड़ों लोगों की श्रद्धा को परवान चढ़ाने का कार्य किया था। कांग्रेस ने आज ही के दिन विशेषकर काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन कर ये संदेश दिया है कि कांग्रेस पार्टी श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे रामलला के भव्य मंदिर का विरोध करती है। शाह ने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति न तो देश के लिए अच्छी है और न ही कांग्रेस पार्टी के लिए। आज कांग्रेस जिस स्थिति में है, वह तुष्टिकरण की नीति का ही परिणाम है। जहां तक नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का प्रश्न है तो सभी को देश की कानून-व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए, न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए और उसमें सहयोग करना चाहिए।
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