अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा को जानबूझकर लोकसभा और राज्यसभा के सत्रों को बाधित करने पर घेरा है। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि तानाशाही और फासीवाद भाजपा के डीएनए में समा गया है। तिवारी ने कहा कि यह पहली बार है कि सत्तारूढ़ दल ही सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर पर चर्चा के लिए तीन घंटे आवंटित किए गए थे, लेकिन इस पर केवल 50 मिनट ही चर्चा हुई। सरकार ने इस विषय पर लंबी चर्चा से बचने के लिए जानबूझकर रात में राज्यसभा की कार्यवाही चलाई।
तिवारी ने आगे बताया कि सदस्यों से मंजूरी लिए बिना सदन के कार्यक्रम को मनमाने ढंग से बढ़ाया गया। गुरुवार को राज्यसभा में शाम छह बजे के बाद कार्यवाही का समय बढ़ाने के लिए सदन की मंजूरी लिए बिना वक्फ संशोधन विधेयक और मणिपुर जैसे मुद्दों पर सुबह चार बजे तक चर्चा हुई, जो नियम 37 का उल्लंघन है। उन्होंने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ लोकसभा में निराधार आरोप लगाने के लिए भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की निंदा भी की। वहीं गौरव गोगोई ने कहा कि संसद अब लोगों की आवाज उठाने का मंच नहीं रह गया है, बल्कि सदन प्रधानमंत्री मोदी का दरबार बन गया है, जहां उनकी जय-जयकार तो स्वीकार की जाती है, लेकिन सरकार की आलोचना को दबा दिया जाता है। उन्होंने तथ्यों के आधार पर बताया कि कैसे सत्तारूढ़ दल के सदस्य जवाबदेही और उत्तरदायित्व से बचने के लिए नियमित रूप से सदन को बाधित कर रहे हैं और इसे स्थगित करवा रहे हैं। वक्फ विधेयक का जिक्र करते हुए गोगोई ने भाजपा से पूछा कि उसने 2013 में अधिनियम में संशोधन का समर्थन क्यों किया था। उन्होंने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का अप्रत्यक्ष रूप से लोकसभा में जिक्र करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री की भी आलोचना की, जबकि वह उस सदन की सदस्य नहीं हैं। उन्होंने लोक सभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को एक महीने के बजट सत्र में सिर्फ कुछ मिनट ही बोलने की अनुमति दिए जाने का मुद्दा भी उठाया।लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 27 प्रतिशत टैरिफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार को हिला दिया है। इससे शेयरों में निवेश करने वाले मध्यम वर्ग की मेहनत की कमाई गायब हो गई है, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है। गोगोई ने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि शुक्रवार को उनकी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के बीच मुलाकात के दौरान क्या बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि युनूस ने भारत के पूर्वोत्तर में चीनी निवेश पर विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा युनूस की लिखे गए पत्र का भी हवाला दिया और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान दोनों मुद्दे उठाए होंगे।
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