अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने मधुबन में आयोजित दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेशभर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण से जुड़े मुद्दों की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अपराध नियंत्रण, जन सुरक्षा और जनसेवा को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए और कहा कि पुलिसिंग का मूल उद्देश्य जनता को न्यायसंगत, पारदर्शी और प्रभावी सेवाएँ उपलब्ध कराना है। महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कपूर ने निर्देश दिए कि महिला विरुद्ध अपराधों का पर्यवेक्षण उच्च अधिकारी स्वयं करें और पीड़िताओं की काउंसलिंग सुनिश्चित की जाए । उन्होंने कहा कि यदि जेल से बाहर आने के बाद भी आरोपित महिला को परेशान करता है तो इसे गंभीरता से लिया जाए । बैठक में बताया गया कि वर्ष 2025 में वर्ष 2024 की समान अवधि की तुलना में बलात्कार, बलात्कार के प्रयास, अपहरण, छेड़छाड़ और दहेज हत्या जैसे सभी प्रमुख शीर्षकों में 16% से 25% तक की कमी आई है।

इस उपलब्धि पर पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने महिला सुरक्षा के प्रति पुलिस बल की प्रतिबद्धता की सराहना की और समर्पित प्रयासों से अपराध नियंत्रण करने वाले पुलिस अधिकारियों और जवानों का मनोबल बढ़ाया.यह भी बताया गया कि डीएसआरएएफ के 46 वाहनों को डायल 112 के साथ एकीकृत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, रोहतक के सुनारिया में एक महिला पुलिस ‘दुर्गा बटालियन’ स्थापित की गई है, जिसमें कुल 540 महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके साथ ही, प्रदेश में महिलाओं से छेड़छाड़ वाले संवेदनशील क्षेत्रों में हॉटस्पॉट तथा हॉट रूट चिन्हित किए गए हैं जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गए है तथा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है ताकि महिलाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाया जा सके.

बैठक में हिंसक अपराधों की रोकथाम के लिए जिलों के सीलिंग प्लान का गहन अध्ययन करने और इन्हें और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए। साथ ही ईआरवी और पीसीआर पर जिम्मेदार अधिकारियों की ड्यूटी सुनिश्चित करने को कहा गया ताकि अपराधियो को अपराध करने से रोक जा सके एवं अपराध हो जाने के बाद उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। बैठक में बताया गया कि 1 जनवरी 2024 से अब तक हरियाणा पुलिस ने अपराधियों पर कड़ा प्रहार किया है। इस अवधि में 110 मुठभेड़ों में 13 खूंखार अपराधी मारे गए और 156 घायल हुए। केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से 9 कुख्यात बदमाशों का प्रत्यर्पण कराया गया, 70 लुकआउट सर्कुलर और 27 रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए गए। साथ ही 29 फर्जी पासपोर्ट मामलों में एफआईआर दर्ज कर 21 पासपोर्ट रद्द किए गए। संगठित अपराध और उसके ऑनलाइन महिमामंडन पर भी प्रभावी कार्रवाई की गई, जिसमें 54 आपत्तिजनक गाने और कई अपराधियों के सोशल मीडिया अकाउंट बंद कराए गए।डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस की टीम ने साहस और प्रतिबद्धता से अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर कानून व्यवस्था को मजबूत किया है। उन्होंने पुलिस के जवानों को बधाई देते हुए उन्हें भविष्य में भी इसी प्रकार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया| बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीजीपी कपूर ने सबसे पहले सूदखोरी की अमानवीय प्रथा पर कठोर रुख अपनाने की वकालत की। उन्होंने कहा– हरियाणा पुलिस प्रदेशभर में सूद खोरों के अत्याचार के खिलाफ 15 दिन का विशेष अभियान चलाएगी। इस दौरान ऐसे सभी अत्याचारी सूदखोरों की पहचान कर उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये वे लोग हैं जो जरूरतमंदों को ऊँची ब्याज दरों पर कर्ज दे कर और ब्याज वसूली के नाम पर शोषण, धमकी और दबाव डालते हैं। ये लोग गरीब और असहाय लोगों की संपत्ति तक हड़प लेते हैं। यह न केवल समाज की आर्थिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है, बल्कि मानव गरिमा पर भी गंभीर आघात है।उन्होंने आगे कहा कि ऐसे सूदखोरों की अवैध कमाई और संपत्ति को भी नियमानुसार अटैच किया जाए और अधिकारियों को निर्देश दिया कि अभियान को जनहित से जोड़ते हुए लोगों को जागरूक करें ताकि कोई भी आम नागरिक ऐसे सूदखोरों के जाल में न फँसे।डीजीपी ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र के सभी गांव और वार्ड को नशामुक्त घोषित करने की दिशा में ठोस कदम उठाएँ। इसके लिए प्रेरित टीमें गठित की जाएँ और औषधि नियंत्रक विभाग को साथ लेकर मेडिकल एसोसिएशनो, केमिस्टों व फार्मासिस्टों के साथ नियमित बैठकें हों। उन्होंने नशा तस्करों पर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति अटैच करने के भी निर्देश दिए।साइबर अपराध की समीक्षा करते हुए डीजीपी ने कहा कि हरियाणा पुलिस इस क्षेत्र में सराहनीय काम कर रही है, जिसको जारी रखना जरूरी है लेकिन ठगी गई राशि की रिकवरी को और अधिक बढ़ाना होगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने और अधिक से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके हौसले पस्त करने के निर्देश दिए। डीजीपी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को सीधे ट्रामा अस्पताल ले जाना सुनिश्चित किया जाये ताकि गोल्डन आवर में उनका इलाज हो सके और जीवन बचाया जा सके। साथ ही, पीड़ितों को निशुल्क कैशलेस उपचार उपलब्ध कराया जाए। भारत सरकार की योजना के तहत प्रत्येक घायल का इलाज 1.5 लाख रुपये तक मुफ्त हो सकता है। इस योजना का लाभ पात्र व उचित व्यक्ति को मिल सके इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में मासिक सड़क सुरक्षा बैठक आयोजित हो और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चालान किए जाएँ। अवैध इमीग्रेशन से जुड़े मामलों की समीक्षा करते हुए श्री कपूर ने कहा कि लोगों को ठगने वाले एजेंटों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और पीड़ितों के लिए अधिकतम रिकवरी सुनिश्चित की जाए।डीजीपी ने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में 5 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके। उन्होंने सारे अधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि सरकारी कैमरों के अलावा वे अपने स्तर पर प्राइवेट लोगों से तालमेल कर उनसे भी अधिक से अधिक कैमरे लगवाएं।कपूर ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत विशेष मुहिम चलाने के निर्देश दिए, ताकि गुमशुदा और बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह पुलिसिंग का संवेदनशील और सामाजिक सरोकार से जुड़ा अहम पक्ष है।डीजीपी ने अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करे कि प्रत्येक थाना प्रभारी स्वयं शिकायतों की सुनवाई करे और शिकायतकर्ता को रसीद उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि पुलिस जनता की सेवक है और हमारी जिम्मेदारी है कि हर शिकायत का पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ समाधान किया जाए। बैठक में आईजी कानून एवं व्यवस्था सिमरदीप सिंह ने फीडबैक प्रणाली पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिलों की संतुष्टि दर का तुलनात्मक विश्लेषण किया। जिन जिलों की संतुष्टि दर कम रही, उन्हें तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए। डीजीपी हरियाणा ने बैठक में निर्देश दिए कि पुलिस बल की कार्यक्षमता और मनोबल बढ़ाने के लिए सभी पुलिस थानों में स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधाजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित किया जाए। पुलिस कर्मियों के लिए अच्छी मेस और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था करना भी आवश्यक है। इससे न केवल उनके मनोबल में वृद्धि होगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य और कार्यक्षमता में भी सकारात्मक सुधार होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के भीतर समानता और सहानुभूति की संस्कृति को बढ़ावा देना ज़रूरी है। उन्होंने पर्यवेक्षी रैंक के अधिकारियों को सहानुभूति और समझदारी के साथ नेतृत्व करने पर बल दिया गया, ताकि अधीनस्थ कर्मियों को सकारात्मक दिशा और सहयोग मिल सके। डीजीपी हरियाणा ने विशेष रूप से यह भी कहा कि जूनियर रैंक्स को सशक्त (empower), प्रेरित (motivate) और जवाबदेह (accountable) बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। जब प्रत्येक स्तर पर जिम्मेदारी और विश्वास का वातावरण बनेगा, तभी पुलिस बल वास्तविक अर्थों में अनुशासित, सक्षम और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाला बनेगा। बैठक का समापन करते हुए डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस की प्राथमिकता जनता के हितों की रक्षा करना, अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करना और पारदर्शी पुलिसिंग के जरिए जनता का विश्वास अर्जित करना है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपेक्षा है कि वे इन दिशा-निर्देशों का पालन कर प्रदेश को और अधिक सुरक्षित, नशा मुक्त और अपराध मुक्त बनाने में योगदान देंगे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

