अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस ने गुजरात मनरेगा घोटाले में संलिप्त प्रदेश के पंचायत एवं कृषि राज्य मंत्री बच्चू भाई खाबड़ को बर्खास्त करने और मामले की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है।इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने घोटाले का दस्तावेजों के साथ विवरण देते हुए बताया कि मंत्री और उनके परिवार ने मनरेगा के तहत फर्जी वर्क ऑर्डर के जरिए करोड़ों रुपये का गबन किया है। गोहिल ने बताया कि मंत्री बच्चू भाई खाबड़ की निजी जमीन पर मनरेगा के तहत कई फर्जी वर्क ऑर्डर जारी किए गए। इनमें स्टॉर्मवाटर ड्रेन, बांध, कैनाल, लैंड लेवलिंग और प्लांटेशन जैसे काम दिखाए गए, जो वास्तव में हुए ही नहीं। जो काम हुआ ही नहीं, उसका नवीनीकरण तक दिखा दिया गया।
गोहिल ने यह भी खुलासा किया कि बच्चू भाई के बेटे बलवंत खाबड़ की कंपनी राज कंस्ट्रक्शन को मनरेगा के तहत सामग्री आपूर्ति का ठेका दिया गया, जबकि उसने कोई सामग्री आपूर्ति नहीं की। एक छोटे से ब्लॉक में 2,235 वर्क ऑर्डर जारी किए गए, जिनके तहत करोड़ों रुपये का भुगतान हुआ, लेकिन काम कागजों पर ही रहा। गोहिल ने यह भी बताया कि राज कंस्ट्रक्शन ने मनरेगा के तहत करोड़ों रुपये तो लिए, लेकिन जीएसटी का भुगतान नहीं किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब कांग्रेस के किसी नेता पर छोटा सा आरोप लगता है, ईडी और सीबीआई तुरंत सक्रिय हो जाती है, लेकिन भाजपा सरकार में मंत्री के खिलाफ इतने सबूत होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उन्होंने मांग की कि बच्चू भाई खाबड़ को उनके पद से तत्काल बर्खास्त किया जाए और इस पूरे मामले की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच हो। जीएसटी चोरी की जांच के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय तुरंत कार्रवाई करे। मनरेगा घोटाले के साथ ही उन्होंने नल से जल योजना में हुए भ्रष्टाचार की भी पूरी जांच की मांग की। इसके साथ ही गोहिल ने बुधवार को वडोदरा के पास महिसागर नदी पर बने मुजपुरा गंभीरा पुल के ढहने की घटना को भी भाजपा के संरक्षण में हो रहे भ्रष्टाचार से जोड़ा। उन्होंने कहा कि वडोदरा के पास मुजपुरा गंभीरा ब्रिज के ढहने से दस लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों और जिला परिषद के पूर्व सदस्यों ने पहले ही प्रशासन को ब्रिज की खराब स्थिति के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुल के नवीनीकरण के लिए दिया गया ठेका भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। उन्होंने कहा कि गुजरात में एक सिस्टम बन गया है, जहां ठेकेदार को काम मिलने से पहले भाजपा कार्यालय में कमीशन देना पड़ता है। इस भ्रष्टाचार के कारण ठेकेदार अपना काम ठीक से नहीं करते और यही वजह है कि गुजरात में बीते कुछ महीनों में ऐसे हादसे हो रहे हैं।
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