अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरुकुल प्राचीन पद्धति है, जहां अपनी शिक्षा ग्रहण करने के बाद विद्यार्थी गुरु को दक्षिणा देते हैं और गुरुकुलों में आज भी श्रद्धा का भाव कायम है। गुरुकुल शिक्षा के साथ सारा समाज व संसार जुड़ा है, जो हमें संस्कारवान बनाती है। हर समस्या का हल संस्कारों से है। मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि गलत कार्यों को रोकने के लिए भाईचारा कायम रखें तथा देश व समाज की रक्षा करें। मुख्यमंत्री शुक्रवार को यमुनानगर के जगाधरी में सम्राट मिहिर भोज गुरुकुल विद्यापीठ के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।
इस दौरान हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल व सांसद रतन लाल कटारिया भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने पहले प्रदेश की जनता को मकर संक्रांति, बिहू और पोंगल की बधाई दी। उन्होंने कहा कि राजा मिहिर भोज ने देश की संस्कृति की रक्षा के लिए महान कार्य किए। उनके नाम पर संस्कार युक्त शिक्षण संस्थाओं को खोलना एक विशेष महत्वपूर्ण कार्य है। यह संस्थाएं युवाओं को संस्कार बनाती है। हरियाणा सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नैतिक शिक्षा, ग्रंथों की शिक्षा व गीता श्लोकों को प्रदेश के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने गुरुकुल शिक्षण संस्थान को 1 करोड़ रुपये की मैचिंग ग्रांट, 51 लाख रुपये की सरकारी सहायता तथा अपने ऐच्छिक कोष से 2 लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि महापुरुष सभी के सांझे होते हैं और इस गुरुकुल में सभी धर्मों, जातियों व वर्गों के विद्यार्थी पढ़ाई करेंगे। इसमें कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई होगी और यह गुरुकुल लडक़ों के लिए होगा। प्राचीन शिक्षा पद्घति के अलावा यहां पर शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी सीबीएसई पैटर्न की तर्ज पर पढ़ाई कर सकेंगे।
इस दौरान शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने गुरुकुल को 31 लाख रुपये, सांसद रतन लाल कटारिया ने 11 लाख रुपये देने की घोषणा की। कार्यक्रम में यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, फरीदाबाद के विधायक राजेश नागर, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी मौजूद रहे।
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