अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: 12वीं कक्षा पास करना सिर्फ एक परीक्षा उत्तीर्ण करना नहीं होता— यह कई महीनों की मेहनत, मानसिक दृढ़ता और समर्पण का प्रमाण होता है। जब छात्र इसे अच्छे अंकों के साथ पार करते हैं, तो यह केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि उनके परिवार, स्कूल और देश के लिए भी गर्व का क्षण बन जाता है। इसी भावना के साथ, एसजीटी यूनिवर्सिटी ने सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड की हाल ही में घोषित परीक्षाओं में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले 300 से अधिक छात्रों को सम्मानित किया।इस खास मौके पर गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ डॉ. राजेश मोहन, उप पुलिस आयुक्त, ट्रैफिक, गुरुग्राम, प्रियांशु दीवान, एसीपी साइबर, गुरुग्राम और SGT यूनिवर्सिटी के VC, PRO VC जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी समारोह की शोभा बढ़ाई। इस समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई।
इसके बाद एसजीटी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.हेमंत वर्मा ने छात्रों का स्वागत करते हुए उनकी मेहनत की सराहना की और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि कोई अंत नहीं, एक मील का पत्थर है। जीवन में आगे बढ़ते हुए दबाव, असमंजस और असफलता का सामना जरूर होगा, लेकिन यदि आपने आज जैसी लगन बनाए रखी, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहेगा।”मुख्य अतिथि पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा IPS ने भी छात्रों को प्रेरणादायक संदेश देते हुए कहा, “स्वयं पर विश्वास रखें, आध्यात्मिक मार्ग अपनाएं, अपने आदर्शों का अनुसरण करें और संकल्प के साथ जीवन में कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। विद्यार्थी जीवन में अध्यात्मिक उन्नति से नकारात्मक माहौल से निकल सकते है। ”बोर्ड परीक्षा के बाद करियर चयन को लेकर छात्रों में आने वाले संशय को समझते हुए, कार्यक्रम स्थल पर काउंसलर्स और विषय विशेषज्ञों की एक टीम को भी तैनात किया। उन्होंने छात्रों को व्यक्तिगत करियर गाइडेंस प्रदान कर उनकी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उपयुक्त विकल्प सुझाए। इन विशेष आयोजन में पुलिस अधिकारियों द्वारा पुलिस की डायल-112 एप्लिकेशन/ऐप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि डायल-112 ऐप को इंस्टॉल करके ऐप में अपनी डिटेल्स जैसे नाम, मोबाईल नंबर, पता इत्यादि एक बार अपडेट करना है, उसके बाद जब भी किसी असुरक्षित परिस्थिति में पुलिस सहायता की जरूरत हो तो डायल-112 ऐप से माध्यम से पुलिस सहायता प्राप्त कर सकती है और उस समय पीड़िता को अपना नाम मोबाईल नंबर व पता/लोकेशन बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पुलिस को पीड़ित का पता/लोकेशन मोबाईल नंबर इत्यादि डायल-112 ऐप के माध्यम से प्राप्त होंगे और पीड़िता को तत्परता से पुलिस सहायता मिल सकेगी। यह ऐप पीड़िता और पुलिस दोनों के लिए सहयोगी के रूप में कार्य करती है और यह अपराधों को रोकने में प्रभावी रूप से कार्य करती है। इस दौरान बच्चों व उपस्थित स्टाफ को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया ताकि लोगों को साइबर ठगी/धोखाधड़ी से बचाया जा सके तथा साइबर अपराधों के संबंध में जानकारी प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच सके व साइबर सुरक्षा की जानकारी होना ही आपको साइबर ठगों से बचा सकती है। साइबर अपराधों व साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी रखें व जागरूक रहे, ताकि कोई साईबर ठग आपके साथ किसी प्रकार से कोई ठगी/फ्रॉड ना कर सके। साइबर अपराध होने पर जल्दी/तुरंत अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर दर्ज कराएं, ताकि साइबर ठगी की वारदात को निष्क्रिय किया जा सके। कार्यक्रम का समापन ट्रॉफी और सर्टिफिकेट वितरण के साथ हुआ, जिसमें न केवल शैक्षणिक प्रदर्शन, बल्कि छात्रों के संघर्ष, धैर्य और समर्पण को भी सम्मानित किया गया।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments