अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जालंधर क्षेत्रीय कार्यालय ने गुरुवार, 11.09.2025 को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), मोहाली के समक्ष अमरूद बाग़ घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच में भूपिंदर सिंह, विकास भंडारी और 14 अन्य आरोपितों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सतर्कता ब्यूरो, पंजाब द्वारा भूपिंदर सिंह, विकास भंडारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की।
ईडी की जांच से पता चला कि निजी व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके, उस भूमि पर मौजूद अमरूद के बागों को दिखाकर गलत मुआवजा प्राप्त किया, जिसे ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA),पंजाब द्वारा एसएएस नगर,मोहाली में आईटी शहर के पास एरोट्रोपोलिस आवासीय परियोजना स्थापित करने के लिए अधिग्रहित किया जाना था। अभियुक्तों ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 11 लागू होने के बाद अमरूद के बागों के लिए गलत मुआवजा प्राप्त करने के लिए ही ज़मीन खरीदी, या पट्टे पर ली।
उक्त उद्देश्य के लिए, उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के लिए राजस्व अधिकारी के साथ, अमरूद के बागों के बारे में अनुकूल मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए बागवानी विकास अधिकारियों (एचडीओ) के साथ और गलत मुआवजा प्राप्त करने के लिए जीएमएडीए में कार्यरत अधिकारियों के साथ साजिश रची। ऐसे आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से अभियुक्त व्यक्तियों ने करोड़ों रुपये की अपराध की आय (PoC) अर्जित और प्राप्त की। ईडी ने पूर्व में 27.03.2024 को विभिन्न परिसरों पर तलाशी ली थी, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। पहले, ईडी ने लगभग 9.87 करोड़ रुपये की अचल/चल संपत्तियां भी कुर्क की थीं। आगे की जांच जारी है।
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