अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक के प्रथम वर्ष के 14 पीजीपी छात्रों के एक दल ने गुरुग्राम के मिनी सचिवालय में डीसी अजय कुमार से मुलाकात की। यह मुलाकात पांच दिवसीय ग्रामीण सहभागिता कार्यक्रम (रूरल इंगेज़मेंट प्रोग्राम) के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें छात्रों को तीन प्रमुख थीम्स—एमएसएमई में एचआर और मार्केटिंग चुनौतियां, ट्रैफिक प्रबंधन, और जीवन की गुणवत्ता—पर डेटा एकत्र करना है।
बैठक के दौरान डीसी अजय कुमार ने छात्रों के साथ इन तीनों थीम्स पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र में मानव संसाधन और मार्केटिंग से जुड़ी चुनौतियों, ट्रैफिक प्रबंधन के लिए किए जा रहे प्रयासों और गुरुग्राम में जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की योजनाओं पर प्रकाश डाला। छात्रों ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए कई सवाल पूछे, जिनमें एमएसएमई के लिए रोजगार सृजन, ट्रैफिक जाम से निपटने के उपाय और शहरवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की रणनीतियां शामिल थीं। डीसी ने सभी सवालों के विस्तृत और स्पष्ट जवाब दिए।
डीसी अजय कुमार ने बताया कि गुरुग्राम प्रशासन ट्रैफिक प्रबंधन के लिए स्मार्ट तकनीकों और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रहा है। एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन किया जा रहा है, ताकि स्थानीय उद्यमियों को लाभ मिले। साथ ही, जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्वच्छता, हरित क्षेत्रों का विस्तार और स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह मुलाकात छात्रों के लिए प्रशासनिक कार्यप्रणाली को समझने और ग्रामीण सहभागिता कार्यक्रम के तहत डेटा संग्रह के लिए दिशा-निर्देश प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर थी।आईआई एम रोहतक के छात्रों ने इस सत्र को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया और डीसी अजय कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया। छात्रों की यह विजिट गुरुग्राम में अन्य विकासात्मक गतिविधियों और डेटा संग्रह पर केंद्रित रहेगी, जो उनके ग्रामीण सहभागिता कार्यक्रम का हिस्सा है।इस अवसर पर सीटीएम सपना यादव, फैकल्टी मेंबर डॉ. पियाली मजूमदार और पीएचडी स्कॉलर सुश्री तान्या सिंह भी उपस्थित रही।
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