अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों की समीक्षा के लिए चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी खरीफ फसल सीजन के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए मंडियों और खरीद केंद्रों में सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक मंडी में एक निरीक्षक 24 घंटे ड्यूटी पर रहेगा और ड्यूटी में कोताही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग डी. सुरेश, महानिदेशक खाद्य, महाप्रबंधक (क्षेत्र) भारतीय खाद्य निगम श्रीमती शरणदीप कौर बराड़, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अंशज सिंह, मुख्य प्रशासक हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुकेश कुमार आहूजा, प्रबंध निदेशक हैफेड मुकुल कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि किसानों की फसलें एमएसपी पर खरीदी जाएंगी। सरकार द्वारा एमएसपी दर पहले ही तय की जा चुकी हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को किसानों की फसलें एमएसपी पर खरीदने के सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को एसएमएस द्वारा यह जानकारी उपलब्ध कराई जाए कि उनकी फसलें किस निर्धारित मंडी में खरीदी जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों के मोबाइल पर गेट पास पहुंचे। स्कैनर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए ताकि किसान मोबाइल से गेट पास डाउनलोड कर सकें और उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने सोयाबीन उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि सोयाबीन से पौष्टिक उत्पाद बनते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि काला तिल, उड़द, अरहर और सोयाबीन जैसी फसलों पर बोनस दिया जाएगा । मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नमी जांच के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनें खरीदी जाएं, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही मंडियों में नमी जांच के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। खरीद केंद्र और मंडियों में पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीने के पानी, जल निकासी, स्वच्छता और फसल की सुरक्षा के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने मंडियों में डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक कांटे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि फसल का सटीक वजन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल को बारिश से नुकसान न हो , इसके लिए उच्च श्रेणी के भंडारण और तिरपाल की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। उल्लेखनीय है कि सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए किसानों को बेहतर आय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किए है । धान (कॉमन) के लिए एमएसपी 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। ज्वार (हाइब्रिड) का एमएसपी 3699 रुपये तथा मलदंडी ज्वार का 3749 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। बाजरा 2775 रुपये, मक्का 2400 रुपये, तूर अरहर 8000 रुपये , मूंग 8768 रुपये , उड़द 7800 रुपये, मूंगफली 7263 रुपये, सोयाबीन (पीला) 5328 रुपये, तिल 9846 रुपये और काला तिल 9537 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से एमएसपी घोषित किया गया है।
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