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अपराध गुडगाँव

कम्बोडिया व लाओस में चाईना व पाकिस्तान मूल के लोगों द्वारा संचालित कॉल सेंटर में डिजिटल अरेस्ट में शामिल 3 महिला सहित 4 अरेस्ट।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
कम्बोडिया व लाओस में चाइना मूल व पाकिस्तान मूल के लोगों के द्वारा संचालित कॉल सेंटर में डिजिटल व इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करने के मामले में थाना साइबर क्राइम पश्चिम , गुरुग्राम की टीम ने आज मंगलवार को तीन महिलाओं सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार किए है। पुलिस टीम ने इनके कब्जे 4 पासपोर्ट व 4 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। यह लोग कभी सीबीआई, कभी ईडी व ट्राई के फर्जी अधिकारी बनकर, लोगों को डिजिटल अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करके ठगी करते थे।

पुलिस प्रवक्ता ने आज जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 14 मई 2025 को एक व्यक्ति ने थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि उसके पास एक फोन कॉल आया और फोन करने वाले ने स्वयं को संचार विभाग का कर्मचारी बताया और कहा कि आपका नंबर गलत एक्टिविटीज में इस्तेमाल हुआ जिसके चलते आपके ऊपर कोलाबा पुलिस स्टेशन मुंबई में एफआईआर दर्ज हुआ है, फिर उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारी से बात करवाई व फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता का नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में बताकर कहा कि उसकी गिरफ्तारी का वारंट निकाला गया है, फिर उसको डराते हुए उसको डिजिटल अरेस्ट करके उससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर अंकित किया गया।

उनका कहना है कि एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पश्चिम, गुरुग्राम के इंचार्ज व निरीक्षक संदीप कुमार की पुलिस टीम ने उपरोक्त एफआईआर में 1 आरोपित को दिनांक 27.08.2025 को लुधियाना (पंजाब) से काबू करके गिरफ्तार किया गया। आरोपित की पहचान शिवा उर्फ हर्ष (उम्र-22 वर्ष, शिक्षा बी.ए. द्वितीय वर्ष) निवासी न्यू विजय नगर, जिला लुधियाना (पंजाब) के रूप में हुई। आगामी कार्रवाई के लिए आरोपित को अदालत में पेश करके 8 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया था। उनका कहना है कि आरोपित से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ठगी गई राशि में से 50 हजार रुपए आरोपित मानव (पहले गिरफ्तार किया जा चुका है) के खाते में ट्रांसफर हुए थे। आरोपित मानव आरोपित शिवा का भाई है। आरोपित शिवा ने ही आरोपित मानव का बैंक खाता अन्य व्यक्ति को 10 हजार रुपए में बेचा था। आरोपित शिवा ने बताया कि उनके पास पैसों की कमी थी जिसके चलते वह अपने अन्य साथियों के माध्यम से पहले कंबोडिया गया और वहां पर CBI, TRAI व फर्जी पुलिस अधिकारी बनके डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी करने लगा। जब कम्बोडिया में पुलिस की रेड़ हुई तो वह मार्च-2025 में लाओस चला गया और वहां चाईना मूल के लोगों द्वारा संचालित कॉल सेंटर में काम करते हुए इन्वेर्स्टमेंट फ्रॉड करने की वारदातों को अंजाम देने लगा। आरोपित दिनाँक 14 अगस्त 2025 को लाओस से भारत आया था और पुलिस द्वारा पुलिस तकनीकी की सहायता से आरोपित को काबू करके गिरफ्तार किया।
Follow-Up (19.08.2025)👇🏻
उनका कहना है कि एसीपी साइबर क्राइम, गुरुग्राम प्रियांशु दीवान की देखरेख में, थाना साइबर क्राइम के प्रबंधक व निरीक्षक संदीप कुमार नेतृत्व में निरीक्षक बलवान, उप-निरीक्षक सुनील, उप-निरीक्षक रवि, उप-निरीक्षक नीरज व महिला सिपाही ज्योति ने आगामी कार्रवाई करते साईबर ठगी में संलिप्त 3 महिलाओं सहित कुल 4 साईबर ठगों को दिनांक 30.08.2025 को लुधियाना (पंजाब) से काबू करके गिरफ्तार किया गया। ागिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम रितिका उर्फ रीती (उम्र 33 वर्ष, शिक्षा -स्नातक), 2.हेमंत (उम्र 30 वर्ष, शिक्षा स्नातक) दोनों निवासी न्यू जुनेजा कॉलोनी, टीबा रोड़, लुधियाना (पंजाब), 3. प्राची उर्फ परी (उम्र 21 वर्ष, शिक्षा 12वीं) वर्मा निवासी लुधियाना (पंजाब) व 4. सेजल (उम्र 21 वर्ष, शिक्षा 7वीं) निवासी विजय नगर, लुधियाना (पंजाब) हैं।
उनका कहना है कि आरोपितों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि आरोपित महिला रितिका व हेमंत दोनों आपस में भाई-बहन है। इनकी (रितिका व हेमंत) बहन मीनाक्षी जो वर्ष-2023 में अपने एक पाकिस्तान दोस्त के साथ कंबोडिया गई थी और मीनाक्षी व अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ मिलकर कॉल सेंटर के माध्यम से फर्जी CBI, TRAI, ED आदि विभाग के कर्मचारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी का काम करने लगी। मीनाक्षी ने जुलाई-2024 में पहले हेमंत को फिर कुछ दिनों के बाद रितिका को भी कंबोडिया बुला लिया और ये सभी डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी करने लगे। पुलिस टीम द्वारा आरोपित शिवा व उसके भाई मानव को गिरफ्तार किया गया था। आरोपित महिला प्राची वर्मा उर्फ परी व आरोपित महिला रितिका की दोस्त है और प्राची का दोस्त आरोपित शिवा है। रितिका से बात होने उपरान्त आरोपित महिला प्राची, आरोपित शिवा व शिवा के भाई के पत्नी/शिवा की भाभी सेजल आरोपित महिला भी अगस्त-2024 में कंबोडिया चले गए और ये सभी साथ मिलकर चीन व पाकिस्तान मूल के लोग द्वारा संचालित कॉल सेंटरों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करके साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे। जनवरी-2025 में पुलिस द्वारा कॉल सेन्टर्स पर पुलिस रेड़ करने के कारण ये सभी भारत आ गए। मार्च- 2025 में आरोपित शिवा के एक पाकिस्तान मूल के साथी (कम्बोडिया में दोस्ती हुई थी) ने बताया कि उसका एक साथी लाओस में रहकर कॉल सेंटर चलाता है और साईबर ठगी करता है उसके पास चले जाओ तो आरोपित शिवा, प्राची ओर सेजल (शिवा की भाभी) लाओस चले गए, जहां इसे चार्ली व नोमान मिले जो साईबर ठगी करने के लिए कॉल सेंटर चला रहे थे व साईबर फ्रॉड कर रहे थे। इन्होंने भी उनके (चीन व पाकिस्तान मूल के कॉल सेन्टर संचालक) साथ मिलकर फिर से इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करके लोगों के साथ साईबर ठगी करना शुरू कर दिया। उसके बाद ये 14 अगस्त 2025 को भारत आए तो गुरुग्राम पुलिस द्वारा एकत्रित की गई सूचनाएं व तकनीकी सहायता से उपरोक्त आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस टीम द्वारा आरोपितों के कब्जा से 4 पासपोर्ट व 4 मोबाईल फोन बरामद किए गए है। अब तक कुल 13 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है तथा आगामी कार्रवाई के लिए आरोपित रितिका, हेमंत, प्राची व सेजलको दिनांक 31.08.2025 को न्यायालय में पेश करके 4 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया है। एफआईआर का अनुसंधान जारी है।

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