अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग के बयान को बकवास करार दिया और कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि उनके पास चुनाव आयोग द्वारा धोखाधड़ी करने देने के 100 प्रतिशत पुख्ता सबूत हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को मानसून सत्र के चौथे दिन इंडिया गठबंधन द्वारा एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) मुद्दे को लेकर संसद परिसर में आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे। पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयोग उस तरह से काम नहीं कर रहा है जैसा भारतीय निर्वाचन आयोग को करना चाहिए। चुनाव आयोग का आज का बयान पूरी तरह से बकवास है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके पास कर्नाटक में चुनाव आयोग द्वारा धोखाधड़ी की अनुमति देने के 100 प्रतिशत पुख्ता सबूत हैं। एक ही चुनाव क्षेत्र में 50, 45, 60, 65 की उम्र के हजारों-हजार नए मतदाता पंजीकृत किए गए। मतदाता सूची से नाम हटाए गए और नए नाम जोड़े गए। कांग्रेस ने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र को देखा है और उसमें यह गड़बड़ी मिली है। उन्हें यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में ऐसा हो रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चुनाव आयोग गलतफहमी में न रहे, वह बचकर नहीं निकल सकता। वोट चोरी करने के सबूतों को सामने लाया जाएगा और चुनाव आयोग इसके अंजाम से नहीं बच पाएगा। वहीं नई दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने विशेष गहन पुनरीक्षण को तुगलकी प्रक्रिया बताया।
अल्लावरू ने कहा कि चुनाव आयोग ने 24 जून को अपने आदेश में जो प्रक्रिया लिखी है, उसका पालन नहीं हो रहा है। इसलिए चुनाव आयोग जो भी आंकड़े अपनी वेबसाइट या कहीं और दिखा रहा है, वे सरासर झूठे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की हर विधानसभा में रैंडमली एक हजार लोगों को चुना जाए और यह देखा जाए कि प्रक्रिया का पालन हो रहा है या नहीं। अगर आंकड़े 25 प्रतिशत भी सही निकल कर आ जाते हैं तो हम इस प्रक्रिया को मानने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस नेता ने प्रक्रिया की खामियां गिनाते हुए कहा कि प्रमाण पत्र जो मांगे गए हैं, वह लोगों के पास है नहीं। बीएलओ मनमानी साइन करके फॉर्म भर रहे हैं। भाजपा के नेता फॉर्म भर रहे हैं। जहां भी लोगों के नाम जुड़ रहे हैं, वहां रसीद नहीं दी जा रही है। इस प्रक्रिया की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि अंत में ईआरओ का निर्णय ही होगा कि किसको मतदाता सूची में रखें और किसको निकालें।अल्लावरू ने सीधे तौर पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर ऐसी प्रक्रिया जबरदस्ती बिहार पर थोपी जा रही है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि ज्ञानेश कुमार भाजपा के साथ खुलेआम मिलकर बिहार में गरीब, युवा, महिला, वंचित, शोषित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित का वोट चोरी कर रहे हैं।
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