अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज जेल विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की न्यायिक और सुधारात्मक प्रणाली को और मजबूत करने के लिए जेल वार्डरों के लगभग 1300 पद जल्द ही भरे जाएंगे। साथ ही, जेल विभाग में मेडिकल और पैरामेडिकल रिक्तियों के साथ-साथ करनाल में नवनिर्मित जेल प्रशिक्षण अकादमी के लिए आवश्यक स्टाफ के पदों को भी जल्द ही भरा जाएगा। मुख्यमंत्री ने करनाल में जेल प्रशिक्षण अकादमी का उद्घाटन करने के बाद ये घोषणाएं कीं, जिसका उद्देश्य जेल कर्मियों को सुधार, पुनर्वास और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना है। 6.5 एकड़ में फैली और 30.29 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस अकादमी में ऊर्जा कुशल और तापमान अनुकूल तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि लगभग 300 करोड़ रुपये के निवेश से पंचकूला, दादरी और फतेहाबाद में नई जेलों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, करनाल में जिला जेल परिसर में एक गौशाला भी शुरू की जाएगी। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नई जेल प्रशिक्षण अकादमी सुधार प्रणाली में परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक इमारत का उद्घाटन नहीं है, यह एक नए दृष्टिकोण के परिवर्तन और एक अन्य विज़न की शुरुआत है। हमारी जेलें केवल सजा नहीं, बल्कि बदलाव, पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण का केंद्र बननी चाहिए।उन्होंने कहा कि नवनिर्मित अकादमी में नए भर्ती किए गए लोगों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण और मौजूदा कर्मचारियों के लिए पुनश्चर्या पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों, मानवाधिकारों और कैदी सुधार के मनोवैज्ञानिक पहलुओं में प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ, हमारे जेल कर्मचारियों को न केवल अनुशासन के साधनों से सुसज्जित करना आवश्यक है, बल्कि सहानुभूति, न्याय और सामाजिक पुनर्वास की भावना से भी लैस करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एक विकसित और तकनीकी रूप से सशक्त भारत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसका एक ताजा उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला, जहां दुनिया ने भारत की तकनीकी विशेषज्ञता, परिचालन दक्षता और रणनीतिक कौशल को मान्यता दी। उन्होंने कहा कि शासन और लोक प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों के अनुरूप, हरियाणा भी स्मार्ट जेल स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां आधुनिक उपकरण और प्रणालियां जेल प्रबंधन में सुधार लाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जैसे-जैसे भारत अमृतकाल की ओर बढ़ रहा है, यह अकादमी न्याय और सुधार प्रणाली में सुधार और नवाचार का एक स्तंभ बनकर उभरेगी। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और नई जेल अकादमी का भी दौरा किया। इस अवसर पर बोलते हुए, सहकारिता एवं जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जेल विभाग द्वारा की जा रही प्रगतिशील पहलों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जेलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और समग्र प्रबंधन में सुधार तथा बेहतर पुनर्वास परिणाम सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है। जेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. शर्मा ने कहा कि आज, जेल केवल कारावास के केंद्र नहीं हैं, वे परिवर्तन के स्थान हैं जहां कैदी सुधरे हुए और बेहतर व्यक्ति बनकर निकलते हैं। उन्होंने कहा कि कैदी जेल प्रणाली के भीतर शुरू किए गए विभिन्न कौशल-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से जेल राजस्व में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री से साप्ताहिक गीता श्लोक सत्र शुरू करने और राज्य की सभी जेलों में नियमित योग कक्षाएं आयोजित करने का भी आग्रह किया। गृह एवं जेल विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने जेल प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना पर प्रशंसा व्यक्त करते हुए इसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विजन और सहयोग से साकार किया गया एक प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह की आधुनिक और विशिष्ट जेल प्रशिक्षण सुविधा पड़ोसी राज्यों में उपलब्ध नहीं है और संभवत यह उत्तर भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार जेल विभाग को आधुनिक बनाने के लिए उन्नत तकनीकों में सक्रिय रूप से निवेश कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की विभिन्न जेलों में 1,100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे निगरानी और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि संबंधित अदालतों के साथ जेलों की व्यापक मैपिंग की गई है, जिससे अंडर ट्रायल कैदियों को जेल परिसर के भीतर से ही वर्चुअल तरीके से अदालत में पेश होते हैं । इस पहल से न केवल धन और समय की बचत हुई है बल्कि सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है। जेल महानिदेशक, मोहम्मद अकील ने भी इस अवसर पर बोलते हुए नव स्थापित जेल प्रशिक्षण अकादमी में उपलब्ध सुविधाओं का विवरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विधायक जगमोहन आनंद, योगेंद्र राणा, भगवान दास कबीरपंथी, सुनील सांगवान, करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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