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मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल को विकास के लिए पहले की सरकारों की तुलना में कहीं अधिक सहायता दी है: अमित शाह

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली :केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ‘पश्चिम बंगाल जन-संवाद’ अभियान के तहत वर्चुअल रैली के माध्यम से पश्चिम बंगाल की महान जनता को संबोधित किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के विकास के लिए उठाये गए इनिशिएटिव के बारे में विस्तार से बताया। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पश्चिम बंगाल के विकास के लिए कटिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन राज्य की तृणमूल सरकार केंद्र की गरीब कल्याण की बड़ी योजनाओं को सही से लागू नहीं होने देती। गृह मंत्री ने कहा कि आंकड़े गवाह हैं कि मोदी सरकार ने पश्चिम बंगाल को विकास के लिए पहले की सरकारों की तुलना में कहीं अधिक सहायता दी है।

शाह ने कहा कि सोनिया-मनमोहन की सरकार के समय 13वें वित्त आयोग में पश्चिम बंगाल को केंद्रीय सहायता के तौर पर महज 1,32,783 करोड़ रुपये दिए गए जबकि 14वे वित्त आयोग में मोदी सरकार के समय राज्य को 4,48,214 करोड़ रुपये दिए जो कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में ढाई गुना से भी अधिक है लेकिन पश्चिम बंगाल की जनता की भलाई में लगने के बजाय यह पैसा तृणमूल कांग्रेस के सिंडिकेट की भेंट चढ़ गया। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना का बहुत बड़ा फायदा पश्चिम बंगाल की जनता को मिला है लेकिन गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही आयुष्मान भारत योजना को ममता दीदी ने राज्य में लागू नहीं होने दिया जिसके राज्य की जनता स्वास्थ्य खर्च के बोझ तले दबी हुई है। कोरोना काल में आयुष्मान भारत योजना पश्चिम बंगाल के गरीबों के लिए बहुत बड़ा संबल बन सकती थी। गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और पीडीएस के तहत राशन के लिए कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल को लगभग 11,000 करोड़ रुपये की मदद की गई है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किसानों की सूची केंद्र सरकार को नहीं सौंपे जाने के कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का फायदा राज्य के किसानों को नहीं मिल पाया है। पीडीएस के तहत राज्य के पश्चिम बंगाल कीजनता के लिए 7.68 करोड़ रुपये की लागत से 3.84 लाख मेट्रिक टन अनाज का वितरण किया गया।

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