अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज वायु प्रदूषण के मुद्दे पर संसद परिसर में मास्क पहनकर सांकेतिक विरोध जताया। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा, दिल्ली-NCR में जीना भी सेहत के लिए हानिकारक है और जो सरकार संसद में वायु प्रदूषण पर चर्चा भी नहीं कराए वो भी देश के लिए हानिकारक है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि केंद्र सरकार तुरंत वायु प्रदूषण से विकराल हो चुकी समस्या का तुरंत संज्ञान ले। देश के प्रधानमंत्री, पर्यावरण मंत्री इसकी जिम्मेदारी लें और सभी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया जाए। संसद में वायु प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा कराकर सबके सुझाव लिए जाएँ और इसके आधार पर ठोस समाधान देश की जनता के सामने रखा जाए। इस मुद्दे पर हम सरकार का स्वागत करेंगे और साथ देंगे।
उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र समापन की तरफ बढ़ गया है। पूरा सत्र चला गया लेकिन सरकार ने वायु प्रदूषण की चर्चा के लिए एक मिनट का समय नहीं दिया। क्या यह देश का मुद्दा नहीं है? वायु प्रदूषण पर चर्चा कर देश के सामने ठोस समाधान रखने की विपक्ष की मांग को सरकार ने पूरी तरह नकार दिया। अगर जनता की समस्याओं की चर्चा देश की संसद में नहीं होगी तो क्या अमेरिका की सीनेट में की जाएगी। आज पूरे हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर की जनता AQI AQI चिल्ला रही है। पूरे देश ने दिल्ली के स्टेडियम से जनता की इस आवाज़ को सुना। जैसे सिगरेट पीना सेहत के लिए हानिकारक है वैसे ही आज हरियाणा यूपी में जीना सेहत के लिए हानिकारक है। दिल्ली प्रदेश की बीजेपी सरकार के मंत्री ने प्रदूषण पर माफी तो मांगी लेकिन ये अकेले दिल्ली का विषय नहीं केंद्र सरकार का है।

उल्लेखनीय है कि सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने इससे पहले लोकसभा में वायु प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्य स्थगन का नोटिस भी दिया था। संसद परिसर में मास्क पहनकर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा, दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर हालात बेहद गंभीर हैं। दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 43 शहर भारत में हैं और उसमें से भी 12 हरियाणा में हैं। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा वर्ष 2017 में ‘राईट टू क्लीन एयर बिल’ लेकर आये थे उसे भी सरकार ने स्वीकार नहीं किया और वायु प्रदूषण पर चर्चा के मुद्दे पर उनके कार्यस्थगन प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा, दिल्ली समेत आस-पास के राज्यों में वायु प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुँच चुका है, करोड़ों नागरिक वायु प्रदूषण की समस्या से ग्रस्त हैं। आज ऐसी स्थिति आ गयी कि लोग जहरीली हवा में जीने को मजबूर हो गये हैं। हर सर्दी में देश इस पर चिंता करता है फरवरी मार्च तक इस विषय को भुला दिया जाता है।
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