
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को हांसी में आयोजित विकास रैली को संबोधित करते हुए हांसी को प्रदेश का 23वां जिला बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सप्ताह में इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा, जिसके बाद रेवेन्यू के नज़रिए से भी हांसी जिला बन जायेगा। रैली में उपस्थित भारी भीड़ ने हांसी को जिला बनाने की घोषणा पर जोरदार नारे लगाकर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने हांसी में 77 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत की 3 विकास परियोजना का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वीरों की भूमि तथा कभी हिंदुस्तान की दहलीज के रूप में विख्यात और देश के लिए मर-मिटने वाले देशभक्तों को जन्म देने वाली हांसी की पावन भूमि को वो नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि सन् 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हांसी के लोगों न महान बलिदान दिए थे।
यहां की लाल सड़क अंग्रेजों द्वारा किये गए नरसंहार की साक्षी है। अंग्रेजों ने यहां आजादी के अनेक मतवालों को गिरड़ी फेर कर कुचलवा दिया था। इससे पहले भी हांसी का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह नगर कभी आसी और असीगढ़ नाम से प्रसिद्ध था। सम्राट हर्ष के समय हांसी सतलज प्रांत की राजधानी थी।उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हांसी क्षेत्र के विकास में सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। 11 वर्षों के कार्यकाल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 11 सालों में हांसी विधानसभा क्षेत्र में 1 हजार 8 करोड़ रुपये लागत के विकास कार्य करवाए हैं। जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में केवल 253 करोड़ रुपये की लागत के ही काम हुए थे। नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के अपने संकल्प-पत्र के 217 में से 54 वादों को एक साल में ही डबल इंजन की सरकार ने पूरा कर दिखाया है। यही नहीं, 163 वादों पर काम प्रगति पर है। यह एक वर्ष का समय भले ही कम है, लेकिन सरकार ने जिस नॉन-स्टॉप विकास का संकल्प लिया था, उसकी सिद्धि में यह एक वर्ष विकास की तिगुणी गति का साक्षी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में भी प्रदेश के सर्वांगीण विकास और हर वर्ग के हितों की सुरक्षा के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने ‘दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना’ के बारे में कहा कि सरकार द्वारा योजना के तहत 2100 रुपये की वितीय सहायता दी जा रही है। अब तक दो किस्तों में 7 लाख से अधिक बहन-बेटियों को 258 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। इसी प्रकार, गरीब महिलाओं को अपनी रसोई चलाने के लिए सरकार द्वारा हर महीने केवल 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। यह लाभ प्रदेश के लगभग 14 लाख 70 हजार परिवारों को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसान हित का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार किसानों की सभी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है। अब तक 12 लाख किसानों के खातों में फसल खरीद के 1 लाख 64 हजार करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं। फसल खराब होने पर गत 11 सालों में किसानों को मुआवजे और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 15 हजार 448 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। जबकि कांग्रेस सरकार के 10 साल के शासन काल में 1 हजार 138 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की गई थी। कांग्रेस सरकार किसानों की 269 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि बकाया छोड़कर चली गई थी, जिसे बीजेपी सरकार ने 2014 में जनसेवा का दायित्व संभालने के बाद 2015 में जारी किया था। इतना ही नहीं, बीजेपी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म किया है। साथ ही जमीनों व सम्पत्तियों का पेपरलेस रजिस्ट्रेशन शुरू किया है। अब रजिस्ट्री का काम पूरी तरह डिजिटल हो गया है। उन्होंने कहा कि सोनीपत से मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का दूसरा चरण शुरू किया गया है। सरकार का लक्ष्य इसके माध्यम से गरीब से गरीब परिवार की वार्षिक आय कम से कम 1 लाख 80 हजार रुपये करना है। सरकार ने वंचित रह गई अनुसूचित जातियों को आरक्षण में उनका अधिकार देने का काम भी किया है। साथ ही सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 200 रुपये बढ़ोतरी करके इसे 3,200 रुपये मासिक किया है। वहीं, पिछड़ा वर्ग की क्रीमिलेयर आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये किया है। पिछड़ा वर्ग-बी को पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों में आरक्षण दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों के सिर पर छत उपलब्ध करवाने के लिए ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत 1 लाख 56 हजार मकान दिये गये हैं। गरीब परिवारों को ‘मुख्यमंत्री आवास योजना-शहरी’ के तहत 14 शहरों में 15 हजार 765 गरीब परिवारों को प्लॉट दिए हैं। ‘मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण’ के तहत ग्राम पंचायतों में 12 हजार 31 प्लॉट दिए हैं। अब धन के अभाव में कोई भी गरीब इलाज से वंचित नहीं रहता। ‘आयुष्मान भारत-चिरायु योजना’ में 25 लाख 39 हजार मरीजों का 4,126 करोड़ रुपये का मुफ्त इलाज किया गया है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

