अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:पंजाब द्वारा हरियाणा का पानी रोकने के विरोध में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के साथ हरियाणा के लोकसभा सांसद जयप्रकाश, सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, सांसद वरुण मुलाना आज केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल से मिले और केंद्र से तुरंत दखल देकर पंजाब सरकार को मनमानी करने से रोककर हरियाणा का हक दिलवाने की मांग की। इस पर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने हरियाणा की जायज मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि हरियाणा में कमजोर बीजेपी सरकार के चलते ही पंजाब की आप सरकार हरियाणा के हिस्से के 9500 क्यूसेक पानी को घटाकर 4000 क्यूसेक करने की हिम्मत जुटा पाई है। हरियाणा में विपक्ष ने प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर अपना पूर्ण समर्थन दिया है। कांग्रेस सांसदों ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से यह भी मांग करी कि लखवार व्यासी डैम का काम जल्द पूरा कराया जाए, ताकि हरियाणा को पेयजल व सिंचाई का पानी मिल सके। यदि बीते 10 वर्षों में इसका काम पूरा हो गया होता तो हरियाणा को आज जल संकट का सामना न करना पड़ता।
कांग्रेस सांसदों ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा हरियाणा के हिस्से का पानी मनमाने ढंग से रोकना अस्वीकार्य है। हरियाणा के जल हितों की रक्षा के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार कोई भी कदम उठाए हम उनके साथ हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में हरियाणा कोटे के अधिकारियों की समय से नियुक्ति कर पूरी भागीदारी सुनिश्चित करती थी। इसमें हरियाणा से तीन-तीन सदस्य होते थे। विशेष तौर पर सिंचाई विभाग के अधिकारी को बीबीएमबी का सदस्य नियुक्त किया जाता था। इसके अलावा कांग्रेस सरकार द्वारा लगातार बोर्ड में चीफ इंजीनियर, एसडीओ और जूनियर इंजीनियर्स के पदों पर नियुक्तियां की जाती थीं। लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद सदस्यों की नियुक्ति ही नहीं हुई। यही कारण है कि हरियाणा के जल हितों की रक्षा करने वाला कोई नहीं। बीते दिनों जब कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तब जाकर सरकार की नींद टूटी और बोर्ड में हरियाणा के एक अधिकारी की नियुक्ति की गई। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में सिंचाई के लिए पानी के तीन प्रमुख स्रोत हैं। पहला यमुना से, जिसका पानी दिनों-दिन कम होता जा रहा है और वो सूख रही है। दूसरा, भाखड़ा से जिसका पूरा पानी SYL से आना था, और तीसरा ट्यूबवेल से, चूंकि जमीन के नीचे का जलस्तर काफी तेजी से घट रहा है। गिरते भू-जल स्तर को रिचार्ज करने के लिए ही कांग्रेस की चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार ने दादूपुर-नलवी नहर का निर्माण कराया था। जिसे बीजेपी सरकार ने पाटने का फैसला कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि 8 अप्रैल 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने हाथों से कपूरी गाँव में सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण की नींव रखकर शुरुआत की थी। 214 किलोमीटर लंबी यह नहर पंजाब में बहने वाली सतलुज और हरियाणा से गुजरने वाली यमुना नदी को जोड़ने के लिए बननी थी। किसी सरकार में SYL ज्यादा खुदी, किसी सरकार में कम खुदी और किसी सरकार में नहीं खुदी। लेकिन प्रदेश में पहली बार जब बीजेपी सरकार आई तो इसको बेहद कमजोर मानकर पंजाब सरकार ने खुदी-खुदाई SYL को पाट दिया। SYL मुद्दे पर हरियाणा के हक़ में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले और सर्वदलीय मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से समय लेने की बात तय होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने कभी हरियाणा को पानी दिलवाने की दिशा में ठोस क़दम आगे नहीं बढ़ाया। कांग्रेस सरकार के दौरान हांसी-बुटाना नहर बनाई गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने उसमें पानी लाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया।हरियाणा के कांग्रेस सांसदों ने मांग करी कि पंजाब सरकार SYL पर हरियाणा के हक में दिये गये सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अक्षरशः लागू करे। हरियाणा सरकार को देश की सर्वोच्च अदालत के आदेशों की अवहेलना का केस दाखिल करना चाहिए। हरियाणा की बीजेपी सरकार ने 11 साल से सत्ता में होने के बावजूद कभी SYL का पानी हरियाणा को दिलवाने की गंभीर कोशिश नहीं की। इसका दुष्परिणाम आज सबके सामने आ रहा है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments