अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा के थाना सेक्टर 58 पुलिस ने एम.बी.बी.एस कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमे गिरोह के सरगना सुनील सिंह और बांदा मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर राज विक्रम सिंह शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 90 विजिटिंग कार्ड, 44 पोस्टकार्ड साइज के विजिटिंग कार्ड, अलग अलग विश्व विधालयो के लेटर हेड, 3 एप्रेन, कई कंप्यूटर और अलग – अलग जनपदों के सरकारी मेडिकल कॉलेज के 31 स्टाम्प बरामद हुआ है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े सुनील सिंह सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना है और असिस्टेंट प्रोफेसर राज विक्रम सिंह मेडिकल कालेज का डीन बनकर छात्र छात्राओं को झांसा देता था। अभी इस गिरोह के सात आरोपित फरार हैं। दो आरोपित पहले ही कोर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। डीसीपी राजेश एस ने बताया कि एमबीबीएस दाखिले में धोखाधड़ी करने वाले कोर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके दो आरोपी पंकज खटिक व आदर्श को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई थी। इनसे मिली सूचना पर सेक्टर-59 मेट्रो स्टेशन के पास से सुनील सिंह और राज विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि सुनील ने दो साथियों के साथ मिलकर सरकारी मेडिकल कालेजों में नीट अनुतीर्ण छात्र छात्राओं के एमबी बीएस में दाखिले के नाम पर ठगी की साजिश रची थी। इस गिरोह में पंकज खटिक, आदर्श, सचिन, धीरेंद्र, कृष्ण, सुरेंद्र वर्मा, राज विक्रम समेत अन्य लोगों को शामिल किया। इन लोगों ने अक्टूबर 2020 में नोएडा में सेक्टर -62 के आइथम टावर में 60 हजार रुपये मासिक किराये पर द गाइडेंस क्लब के नाम से आफिस खोला। साथ ही सेक्टर-63 में एक कॉल सेंटर खोलकर आधे दर्जन से अधिक युवक युवतियों को कॉलिग के लिए रख लिया।
इस काल सेंटर से देश भर के नीट अनुतीर्ण छात्र छात्राओं से संपर्क किया जाता था। उन्हें सरकारी व मंत्री आदि के कोटे के नाम पर प्रवेश का झांसा दिया जाता था। इसके बाद ये लोग सेक्टर-62 स्थित द गाइंडेंस क्लब आफिस बुलाते थे, फिर आरोपित छात्रों को प्रयागराज, बांदा, झांसी के सरकारी मेडिकल कालेज में ले जाकर फर्जी काउंसिलिग कराकर विश्वास जीत लेते थे।
बाद में कानपुर व अन्य शहरों के होटल में बैठकर पैसे लेते थे। डीसीपी ने बताया कि आरोपित सुनील शातिर बदमाश है और 12वीं फेल है। वह मैक्सकाम चिटफंड घोटाले में भी वर्ष 2008 में जेल जा चुका है। इसके अलावा एटीएम क्लोन के मामले में गाजियाबाद से जेल गया था। नोएडा से पहले इसने गाजियाबाद में भी आफिस खोलकर एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर लोगों से ठगी की थी। इस मामले में भी वर्ष 2018 में गाजियाबाद के लिक रोड थाने से जेल गया था। यहां से छूटने के बाद नोएडा में द गाइडेंस क्लब खोलकर ठगी शुरू की थी। इस गिरोह ने पांच करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। ठगी के पैसों से बनाया मकान और खरीदी लग्जरी कार गिरोह के प्रत्येक मुख्य सदस्य को करीब एक-एक करोड़ रुपये हिस्से में मिले थे। इससे इन्होंने लग्जरी कार खरीदने के साथ मकान भी बनवाया है। कई आरोपितों ने मकान बनाने में 40-45 लाख रुपये खर्च किए हैं।