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हरियाणा

अपने बैंक खातों का रखें ख्याल, निक्रिय खातों के दुरुपयोग का खतरा: पुलिस महानिदेशक मनोज यादव

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़:पुलिस अकादमी मधुबन के सरदार पटेल हॉल में राज्य अपराध शाखा, हरियाणा के सहयोग से साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय अपराध विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। समापन अवसर पर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यशाला में हरियाणा के जिलों से राजपत्रित अधिकारी व वित्तीय मामलों में विवेचना अधिकारियों ने भाग लिया।  मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने बैंक खातों का ख्याल रखना चाहिए उनमें लंबे समय तक लेन-देन किए बिना निष्क्रिय नहीं छोडऩा चाहिए क्योंकि ऐसे निष्क्रिय खातों का उपयोग वित्तिय व साइबर अपराध करने वाले धोखाधड़ी के पैसों को ठिकाने लगाने में कर सकते हैं। जरूरत न होने पर अपने बैंक खातों को बंद करा दें। 

उन्होंने कहा आपकी बैंंक या व्यक्तिगत विवरण पूछने वाली या आपको ईनाम, लॉटरी या होली डे पैक जैसे लाभ देने वाली फोन कॉल या ईमेल आए, उन पर तुरंत प्रतिक्रिया से बचें।  जालसाज विश्वास जमाने के लिए अक्सर आपके शहर या आसपास के शहर का पता भी बता देता है लेकिन उसके द्वारा बताया गया पता असल में ठीक होता नहीं । थोड़ी सी सावधानी में चूक से धोखेबाज किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है।  हमें अपनी सूझबूझ से इन धोखे बाजो से बचना चाहिए तथा अपने परिवारिक सदस्यों को भी आगाह करना चाहिए । इस क्रम में केंद्रीय स्तर पर इंडियन साइबर क्राइम पोर्टल बनाया गया है जहां नागरिक उसके साथ हुए साइबर अपराध की शिकायत करा सकता है। वन सिम वन फ्रॉड प्लेटफार्म के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यदि कोई मोबाइल नम्बर एक बार ठगी में प्रयोग किया गया है वह दोबारा ठगी के लिए प्रयोग न किया जा सके।  ऐसे मोबाइल नम्बर से जुड़े बैंक खातों को भी फ्रिज कराया जा सकता है।  उन्होंने कहा कि हरियाणा में साइबर अनुसंधान अधिकारियों की सहायता के लिए गुरूग्राम में डायटेक लैब तथा पंचकुला में साइबर पुलिस स्टेशन बनाया गया है।        



उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि साइबर और वित्तीय जालसाजी के मामलों के शिकायतकर्ता की बात प्राथमिकता के साथ सुनें। ऐसे मामलों को गंभीरता से लें। ऐसा करने से आपकी इन मामलों के अनुसंधान मे कार्यक्षमता और अपराधियों की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी। इस कार्यशाला में प्राप्त की गई जानकारी को अपने साथियों के साथ भी बांटें और एक टीम के रूप में कार्य करते हुए सफलता हासिल करें। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन में सहयोग के लिए पीके अग्रवाल, डीजीपी अपराध शाखा हरियाणा, सीबीआई अकादमी गाजियाबाद, आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों तथा हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए।  अकादमी के महानिरीक्षक योगिंद्र सिंह नेहरा ने मुख्य अतिथि व प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस से पूर्व स्पेशल टास्क फोर्स हरियाणा के पुलिस अधीक्षक जश्रदीप सिंह रंधावा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा बताया कि कार्यशाला में साइबर एवं वित्तीय अपराधों की विवेचना,क्रिप्टोकरंसी, बिट क्वॉयन जैसे वित्तीय अपराध के नये स्वरूपों के बारें में, तथा बैङ्क्षकग फ्रॉड मामलों में बचाव इन मामलों में की जाने वाली कार्यवाही पर जानकारी दी गई।कार्यशाला के दूसरे दिन आईसीआईसीआई बैंक के साइबर सुरक्षा विभाग के ज्ञान बराह डीजीएम, रजनीश खन्ना मुख्य अधिकारी उत्तर भारत, जावेद चौहान प्रबन्धक दिल्ली एनसीआर व अजीतपाल सिंह मुख्य प्रबन्धक चंडीगढ़ क्षेत्र ने प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया।

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