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दिल्ली नई दिल्ली राष्ट्रीय वीडियो

राहुल गांधी ने सीधे बात की किसानों से ,किसानों ने मोदी सरकार के बारे में क्या-क्या कहा, सुनिए इस वीडियो में।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने देश के किसानों को संबोधित करते हुए कहा–आप सबका दिल से स्वागत करना चाहता हूँ और समझना चाहता हूँ कि आपको इन कानूनों से क्या नुकसान होगा। एक किसान का अभिवादन करते हुए राहुल गांधी ने कहा- नमस्कार! जवाब में किसान ( धीरेन्द्र कुमार, चम्पारण, बिहार) ने अभिवादन स्वीकारते हुए कहा- नमस्कार भईया! इसके बाद राहुल गांधी द्वारा किसान से पूछे एक प्रश्न पर कि थोड़ा बताइए, भईया, आपको क्या लगता है, इन कानूनों के बारे में? धीरेन्द्र कुमार (चम्पारण बिहार) ने कहा- कानून, बिल्कुल अंधा कानून है, सर। यहाँ गरीब का शोषण हो रहा है, किसान का शोषण हो रहा है, सर। किसान भूखा मरेगा, अब सुसाइड करने पर, आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है, सर।

राहुल गांधी द्वारा किसान से पूछे एक अन्य प्रश्न पर कि आपको ये डर क्यों लग रहा है कि एमएसपी जाएगी, श्री सुनील सिंह (पठानकोट, पंजाब) ने कहा कि नहीं सर, ये सब जुमलेबाजी है, सर। इनकी बात में कोई दम नहीं है, कोई सच्चाई नहीं है। ये किसानों से, छोटे किसान हों या बड़े हों, सबसे धोखा कर रहे हैं। एक अन्य किसान ओम प्रकाश धनखड़ (झज्जर, हरियाणा) ने कहा कि बहुत बुरा, मतलब, हमारे साथ तो ये अत्याचार हो रहा है कि हमें, किसान को कुछ नहीं बचेगा, किसी हालत में भी। अगर ये इन्होंने ये सिर्फ जो गारंटी… (न दी), कि अगर कोई एजेंसी, कोई किसी किस्म की प्राईवेट कंपनी या कोई और किसान से एमएसपी से कम रेट पर खरीदेगा, तो उसे दंडनीय अपराध माना जाए। एमएसपी से कम तो कोई किसी किस्म की खरीद होनी ही नहीं चाहिए।

एक अन्य किसान अशोक बूतड़ा (यवतमाल, महाराष्ट्र) ने कहा कि ये कानून में एक ऐसा प्रावधान कर दिया है, इन्होंने कि एमएसपी के रेट में कोई माल खरीदने का कोई विरोध नहीं रहेगा, यानि कोई खरीद नहीं सकेगा, कोई खरीदना नहीं चाहेगा, अगर उसका विरोध करना चाहेंगे,किसान, तो उनको जेल में जाना पड़ेगा, ऐसा लगता है मुझे। एक अन्य किसान पंकज तनिराम मटेरे (भंडारा, महाराष्ट्र) ने कहा कि इस विधेयक से न किसी जनता का भला होने वाला है, न शेतकारी वर्गों का कोई भला होने वाला है। इस विधेयक से सिर्फ कंपनियों और अंबानी-अडानी जैसे लोगों का ही भला होने वाला है। जो भी हम उत्पादन जैसे एकाध कंपनी में लेकर गए तो यदि उन्होंने पैसा नहीं दिया, तो हम उनके, रिलायंस वाले के घर पर जाकर रो नहीं सकते।वो तो हमको वहाँ से डंडे मारकर ही खदेड़ेंगे।हमको कोई पैसे वाला नहीं दिए, फिर समझ लो, हम तो डूब गए न, मर गए न ।फिर क्या खाने वाले हैं, क्या करने वाले हैं। एक अन्य किसान श्री राकेश जाखड़ (झज्जर, हरियाणा) ने कहा कि किसान की जो लागत बढ़ती जा रही है, जो फसल बीमा है, पहले एक एकड़ कपास का 400 रुपए के लगभग था, आज 1,600 रुपए के आसपास करने लगे हैं। इन्होंने 3-4 गुना बढ़ा दिया है। राहुल गांधी द्वारा किसान से पूछे एक अन्य प्रश्न पर कि सबसे खराब क्या लगता है, इन तीन कानूनों में से, किसान राकेश जाखड़ (झज्जर, हरियाणा) ने कहा कि ये जो तीन क़ानून हैं, किसान को खत्म करने के लिए बनाए गए हैं, इस अध्यादेश से अगर किसान को फायदा होना है तो ये एमएसपी के लिए कानून क्यों नहीं बनाते ये? डेली टीवी पर बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं, उस (एमएसपी) के लिए कानून क्यों नहीं बनाते। भई, अगर कोई एमएसपी से कम लेगा, तो हम उसको जेल में डालेंगे, क्यों नहीं कर रहे हैं ये ऐसा। कल अडानी-अंबनी आएंगे, वो सीधे तो खरीदेंगे नहीं, वो तो बीच में दलाल भेजेंगे।किसान की अगर कोई फसल जाएगी, तो वो 200-400-500 रुपए जाएगी, जी। अडानी डायरेक्ट तो किसान के पास आएगा नहीं, वो तो बीच में दलाल छोड़ देगा। आज किसान का जो काम है, वो आढ़ती के माध्यम से चल रहा है, उनको ये दलाल बोलते हैं। दलाल तो अब आ जाएंगे, जब कॉर्पोरेट जगत के हाथों इसको बेचा जाएगा।

एक अन्य किसान अशोक बूतड़ा (यवतमाल, महाराष्ट्र) ने कहा कि 1840 में ईस्ट इंडिया कंपनी थी, वो इंग्लैंड से भाव निकालती थी कपास का और पूरे विश्व में वो भाव में कपास लिया जाता था। तार से बम्बई आता था, बम्बई से यवतमाल आता था और यवतमाल से सब व्यापारी उसी भाव में माल खरीदते थे, लेकिन दूसरे के तार बाद में मिलते थे, इन व्यापारियों के तार पहले मिल जाते थे। जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी का कारोबार था, उसी टाइप का कारोबार आज आने की गुंजाइश लग रही है, सौ प्रतिशत वैसे ही होगा। कार्पोरेट जगत के लोगों को माल, सस्ता लेने के लिए प्रोवीजन आएगा और वो जब माल खरीदेंगे, किसानों का, तो वो ग्राहकों को दो-तीन गुना, चार गुना भाव में बेचेंगे, इसलिए ग्राहकों की भी लूट होगी, किसानों की भी लूट होगी और किसानों को प्रॉपर भाव न मिलने से किसानों की आत्महत्याएं काफी बढ़ेगी। राहुल गांधी ने कहा कि आपका कहना है कि पहले ईस्ट इंडिया कंपनी थी, (किसान ने कहा, हाँ) अब वैस्ट इंडिया कंपनी आई है, (किसान ने कहा, हाँ, वैस्ट इंडिया कंपनी है, कॉर्पोरेट कंपनी आ जाएगी) किसान पंकज तनिराम मटेरे (भंडारा, महाराष्ट्र) ने कहा कि जो हमारे देश का बाशिंदा है, हमारे देश को खेती प्रधान बोलते हैं, लेकिन अब ये कंपनी प्रधान देश होने वाला है। राहुल गांधी के एक अन्य प्रश्न पर कि जो प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एमएसपी रहेगी, उसको नहीं बदला जाएगा, उस बात को आप मानते नहीं हो या क्या विचार है आपका? किसान श्री पंकज तनिराम मटेरे (भंडारा, महाराष्ट्र) ने कहा कि नहीं सर, उनको तो हम मानते हीं नहीं है, क्योंकि आज वो क्या बोलेंगे, कल क्या बोलेंगे, क्योंकि

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