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दिल्ली में 2024 तक जितने भी नए वाहन पंजीकृत होंगे, उसमें से 25 प्रतिशत नए वाहन इलेक्ट्रिक के होंगे-सीएम

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट /नई दिल्ली 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी-2019 का आज नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यह पाॅलिसी अधिसूचना की तारीख से तीन साल के लिए वैध होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि इस पाॅलिसी का मुख्य उद्देश्य दिल्ली माँडल के तहत दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को गति देना और प्रदूषण को कम करना है। दिल्ली में 2024 तक जितने भी नए वाहन पंजीकृत होंगे, उसमें से 25 प्रतिशत नए वाहन इलेक्ट्रिक के होंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी दी जाएगी। टू व्हीलर, आँटो रिक्शा, ई-रिक्शा व माॅल वाहक वाहन खरीदने पर 30 हजार रुपये और कार पर 1.5 लाख रुपये इंसेंटिव मिलेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके लिए स्टेट ईवी फंड, स्टेट ईवी बोर्ड और डेडिकेटेड ईवी सेल का गठन किया जाएगा। स्टेट ईवी बोर्ड के चेयरमैन परिवहन मंत्री होंगे। मुझे विश्वास है कि आज से पांच साल बाद जब पूरी दुनिया के अंदर इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की चर्चा की जाएगी, तो दिल्ली का नाम उपर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी लोगों, विशेषज्ञों और उपभोक्ताओं से चर्चा करके, पिछले दो-तीन साल तक कड़ी मेहनत के बाद दिल्ली की इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी तैयार की है। इस पाॅलिसी को आज नोटिफाई कर दिया गया है। आज पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की अगर चर्चा होती है, तो चीन को सबसे आगे रखा जाता है। लोग कहते हैं कि चीन के अंदर इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स का बहुत अच्छा काम है। यह पाॅलिसी ऐसी है कि मुझे उम्मीद और विश्वास है कि आज से पांच साल बाद जब पूरी दुनिया के अंदर इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की चर्चा की जाएगी, तो दिल्ली का नाम उपर रखा जाएगा। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि यह पाॅलिसी देश की सबसे प्रोग्रेसिव पाॅलिसी तो है ही, शायद दुनिया भर में जितनी इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी हैं, उन सब में एक अच्छी पाॅलिसी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस पाॅलिसी के जरिए हमारा दो उद्देश्य है। एक मकसद है, दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को गति देना। कोरोना के समय दिल्ली ही नहीं, पूरी दुनिया के अंदर अर्थ व्यवस्था खराब हो गई है। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को गति देने के लिए काफी सारे कदम उठाए हैं। हमने रोजगार वेबसाइट बनाई, हमने रेहड़ी पटरी वालों का काम शुरू कराया। हमने डीजल की कीमत में बहुत भारी कमी की और भी कई सारे कदम उठाए हैं। मुझे लगता है कि दिल्ली की अर्थ व्यवस्था को एक जबरदस्त धक्का देने में यह इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी काम आएगी। दूसरा उद्देश्य दिल्ली का प्रदूशण कम करना है। पिछले पांच साल के अंदर दिल्ली के 2 करोड़ लोगों ने और हम सब ने मिल कर प्रदूषण को 25 प्रतिशत कम किया है। लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं है, हमें प्रदूषण को और भी कम करना है। अभी कोरोना के लाॅकडाउन के समय में हमने देखा कि पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर कितना कम हो गया था। आसमान शानदार दिखाई देता था और साफ-सुथरी हवाएं मिलती थीं। अब जब हम अपनी अर्थ व्यवस्था को खोल रहे हैं और हम अपनी समान्य जिन्दगी की तरफ बढ़ रहे हैं, तो हमें वापस उस किस्म का विकास नहीं चाहिए, जिसमें प्रदूषण ही प्रदूषण हो।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से अपील करते हुए कहा कि आइए हम सब लोग मिल कर ऐसी दिल्ली का निर्माण करें, जिसमें यह इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी काम करेगी, प्रदूषण को कम करेगी, हमारी अर्थ व्यवस्था को गति देगी और लोगों के लिए जाॅब पैदा करेगी। इस पाॅलिसी पर हमने पिछले ढाई साल में बहुत चर्चाएं की हैं। यह पाॅलिसी किसी एसी कमरे में बैठ कर किसी नेता या अफसर के द्वारा नहीं बनाई गई है। आप सभी लोग इसके गवाह हैं। हमने समय-समय पर परामर्श किए और पूरे देश भर से जाने माने लोगों को हमने बुलाया। पूरी दुनिया की इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी का हमने अध्ययन किया और उसमें से जितनी भी अच्छी-अच्छी बातें मिली, हम उन सभी बातों को इस पाॅलिसी में डालने की कोशिश की है। लेकिन फिर भी हो सकता है कि कमियां रह जाएं। कोई भी चीज संपूर्ण नहीं होती है। यह पाॅलिसी एक तरह से दिल्ली सरकार की नीयत दिखाती है कि हम इस दिशा में जाना चाहते हैं। इसमें जो भी कमियां होगी, उन कमियों को समय-समय पर हम बदलते भी रहेंगे और उसे ठीक भी करते रहेंगे। फिलहाल यह पाॅलिसी तीन साल के लिए है। तीन साल के बाद इसकी समीक्षा भी करेंगे। लेकिन तीन साल के अंदर भी अगर जरूरत पड़ी, तो समय-समय पर इस पाॅलिसी को बदलते रहेंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विशेषकर हम माइल स्टोन की बात करें, तो 2024 तक दिल्ली में जितने भी नए व्हीकल्स पंजीकृत होते हैं, उसमें कम से कम 25 प्रतिशत नए व्हीकल्स, इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स होने चाहिए। आज दिल्ली में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स का प्रतिशत केवल 0.2 प्रतिशत है। इसे हम 25 प्रतिशत तक लेकर जाना चाहते हैं। इसके अलावा मुझे लगता है कि हजारों की संख्या में नए जाॅब पैदा होंगे। इसमें ड्राइविंग,सेलिंग, फाइनेंस ,सर्विसिंग, चार्जिंग आदि में नए-नए किस्म के जाॅब पैदा होंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पाॅलिसी के बारे में बताते हुए कहा कि इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स आज की तारीख में काफी महंगे हैं और आम आदमी की पहुंच से काफी दूर है। प्रदूशण करने वाले डीजल व पेट्रोल के वाहन सस्ते होते हैं, जबकि इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स महंगे होते हैं। इसलिए लोग इसे खरीदते नहीं हैं। इसलिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स को बढ़ावा नहीं मिल पाता है। ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खरीदें, इसलिए सरकार इस पर वित्तीय प्रोत्साहन (फाइनेंशियल इन्सेंटिव) देने जा रही है। अगर आप इलेक्ट्रिक के टू-व्हीलर खरीदते हैं, तो आपको अधिकतम 30 हजार रुपये तक सरकार की तरफ से इंसेंटिव मिल सकता है। कार पर 1.5 लाख रुपये तक इंसेंटिव मिल सकता है। आॅटो रिक्शा व ई-रिक्शा पर 30 हजार रुपये तक इंसेंटिव मिलेगा और माॅल वाहनों पर भी 30 हजार रुपये तक इंसेंटिव मिलेगा। सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार की भी एक योजना है। उसे फेम इंडिया फेज टू स्कीम कहते हैं। उस स्कीम में भी काफी इंसेंटिव मिलते हैं। मैने जो इंसेंटिव बताई है, वह केंद्र सरकार की स्कीम के अतिरिक्त हैं। इसलिए यदि आप इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स खरीदते हैं, तो केंद्र सरकार आपको इंसेंटिव देगी ही। हमने जो इंसेंटिव बताई है, यह इससे ज्यादा हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम स्क्रैपिंग इंसेंटिव भी देने जा रहे हैं। बहुत सारे लोगों के घर में अभी प्रदूषण करने वाले डीजल और पेट्रोल के वाहन हैं। वे सोचते हैं कि इस वाहन का क्या करेंगे? ऐसे में यदि आप अपने पुराने वाहन को नए वाहन में बदलते हैं, तो आपको स्क्रैपिंग इंसेंटिव दिया जाएगा, ताकि आप जो नया वाहन खरीदना चाहते हैं, वह और भी सस्ता हो जाए। इस किस्म का जो स्क्रैपिंग इंसेंटिव है, वह पूरे देश में पहली बार दिया जा रहा है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल कमर्शियल व्हीकल्स खरीदने के लिए सरकार लोन पर ब्याज में छूट प्रदान करेगी। यदि आप वाहन खरीदने के लिए लोन लेते हैं तो आपको कम ब्याज पर लोन मिलेगा। जितने भी इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स का पंजीकरण होगा, उसका पंजीकरण शुल्क और उसका रोड टैक्स दोनों ही माफ होंगे। दो तरह से इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स होते हैं। एक वो इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स होते हैं, जो फिक्स चार्जिंग वाले होते हैं, और दूसरा वो होते हैं, जिसमे बैटरी स्वैपिंग होती है। सभी तरह के इंसेंटिव सभी इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पर लागू होंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोई इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स खरीद नहीं चाहता है। आप पेट्रोल का वाहन खरीदते हैं, उसमें पेट्रोल खत्म हो गया तो, आपको पेट्रोल पंप मिल जाता है और आप वहां से पेट्रोल ले लेते हैं। लेकिन आप इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स चला रहे हैं और अचानक आपकी चार्जिंग खत्म हो गई, तो आप कहां जाएंगे? इसी समस्या को दूर करने के लिए पूरी दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। पूरी दिल्ली के अंदर बहुत बड़ा चार्जिंग का नेटवर्क बनाया जाएगा। पहले एक साल में हम लोग पूरी दिल्ली के अंदर 200 चार्जिंग स्टेशन बनाने जा रहे हैं। हमारा मकसद है कि जल्द से जल्द इतने चार्जिंग स्टेशन बनें कि दिल्ली में कहीं पर भी तीन किलोमीटर के दायरे में आपको चार्जिंग स्टेशन मिल जाए।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे युवाओं को इसके जरिए बहुत सारे जाॅब मिले। यह नई तकनीकि है और नया काम है, तो इसके लिए युवाओं की नई ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसलिए युवाओं को बड़े स्तर पर ट्रेनिंग देने की भी तैयारी हो रही है। इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स से संबंधित जितने भी काम होंगे, उन सभी के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि उन्हें ंजाॅब मिल सके। दिल्ली राज्य स्तर पर एक स्टेट इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स (ईवी) फंड बनाया जा रहा है। इसमें जो भी खर्च आएगा, वह इस स्टेट ईवी फंड से किया जाएगा। साथ ही, दिल्ली के स्तर पर एक स्टेट इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स बोर्ड बनाया जाएगा। जिसके चेयरमैन परिवहन मंत्री होंगे। इसके अलावा, एक डेडिकेटेड ईवी सेल बनाया जाएगा, जो इस पूरी पाॅलिसी को लागू करेगा। अगले पांच साल में हमें उम्मीद है कि दिल्ली में कम से कम 5 लाख नए इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पंजीकृत किए जाएंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली विकास माॅडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। दिल्ली विकास माॅडल ने अच्छे स्कूल और अस्पताल बनाए। दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों, 24 घंटे बिजली और फ्री बिजली की चर्चा पूरे देश में हो रही है। अभी जिस तरह से कोरोना को दिल्ली के लोगों ने मिल कर नियंत्रित किया है। दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने का हमारा जो माॅडल है, उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। उसी तरह आने वाले समय में दिल्ली इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स माॅडल की चर्चा पूरे देश में होगी। मुझे विश्वास है कि आज से पांच साल बाद जब दुनिया भर में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की चर्चा होगी, तो उसमें दिल्ली की चर्चा होगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स पाॅलिसी बनाने के लिए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और संबंधित अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी ने मिल कर इस पर काफी काम किया है। दो-ढाई साल में सबने मिल कर बहुत अच्छी पाॅलिसी बनाई है। मैं उम्मीद करता हूं कि इससे हमारे सभी उद्देश्यों की पूर्ति होगी।
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*दिल्ली ईवी नीति का लक्ष्य*

– यह पाॅलिसी दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के प्रयास को बढ़ाव देगी, मसलन, 2024 तक जितने भी नए वाहन पंजीकृत होते हैं, उनमें से 25 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक के होंगे, वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन 0.2 प्रतिशत है।
– पाॅलिसी से इलेक्ट्रिक वाहनों के ड्राइविंग, बिक्री, वित्तपोषण, सर्विसिंग और चार्जिंग में नौकरियां पैदा होंगी।

*दिल्ली ईवी नीति के कारक*

*1. वित्तीय प्रोत्साहन*
-इसमें दो पहिया (30 हजार रुपये तक), कार (1.5 लाख रुपये तक), ऑटो रिक्शा (30 हजार रुपये तक), ई-रिक्शा (30 हजार रुपये तक) और माल ढोने वाले वाहन खरीदने पर (30 हजार तक) प्रोत्साहन शामिल हैं।
-इसके अलावा, चूंकि दिल्ली में पुराने दो, तीन पहिया वाहन हैं, इसलिए हम पुराने डीजल या पेट्रोल वाहन बदल कर नए इलेक्ट्रिक वाहन भी खरीदते हैं, तो उस पर स्क्रैपिंग इंसेंटिव मिलेगा। यह पहली बार है ,जब इस तरह की योजना भारत में कहीं भी शुरू की जाएगी।
-ऑटो-रिक्शा या दो, तीन पहिया व माॅल वाहक वाहन जैसे वाणिज्यिक वाहनों को खरीदने पर दिल्ली सरकार कम ब्याज दर पर लोन देगी, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा मिल सके।
– सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क की छूट मिलेगी।
-यह सभी इंसेंटिव फिक्स्ड चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग मॉडल दोनों तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू होगा।

2. इस पाॅलिसी के तहत दिल्ली में कहीं भी 3 किमी की दूरी के भीतर सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों और स्वैपेबल बैटरी स्टेशनों की एक विस्तृत नेटवर्क की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा, घर-आधारित चार्जिंग को बढ़ावा देगी। घरों में पहले 30,000 चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित करने वालों को सरकार सब्सिडी भी प्रदान करेगी।

3. प्रदूषण को कम करने के अलावा, दिल्ली ईवी पॉलिसी दिल्ली की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा बढ़ावा देगी, लेकिन इसके लिए हमें अपने युवाओं को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होगी। दिल्ली सरकार विश्व स्तरीय स्किल सेंटरों में ईवी इको-सिस्टम में नौकरियों से संबंधित प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने पर विशेष रूप से ध्यान देगी।

*अनुमानित प्रभाव*

– दिल्ली सरकार का एक साल के भीतर, दिल्ली सरकार 35,000 इलेक्ट्रिक वाहनों (2,3,4 व्हीलर्स और बसों) को शामिल करने, लास्ट माइल डिलीवरी के लिए 1000 इलेक्ट्रिक वाहन और दिल्ली में 200 सार्वजनिक चार्जिंग व स्वैपिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य है।

– अगले 5 वर्षों में, दिल्ली सरकार ने इस पाॅलिसी के तहत दिल्ली में 5 लाख नए इलेक्ट्रिकल वाहनों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा है। अनुमान है कि यह इलेक्ट्रिक वाहन अपने जीवनकाल के दौरान तेल और तरल प्राकृतिक गैस के आयात में लगभग 6,000 करोड़ रुपये और 4.8 मिलियन टन सीओ-2 (कार्बन डाइऑक्साइड) के उत्सर्जन से बचा जा सकता है, जो कि उनके जीवन काल में लगभग 1 लाख पेट्रोल कारों से सीओ-2 उत्सर्जन से बचने के बराबर है। वे लगभग 159 टन पीएम-2.5 (ठीक कण पदार्थ) टेलपाइप उत्सर्जन से बचने में भी मदद करेंगे।
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