नई दिल्ली/ अजीत सिन्हा
केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आज कोलकाता, पश्चिम बंगाल में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और विश्वास व्यक्त किया कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की जनता को बंगाल के नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं भी दी। प्रेस कांफ्रेंस के बाद शाह ने भबानीपुर में घर-घर जाकर भाजपा का प्रचार किया और केंद्र सरकार द्वारा जन-कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों एवं सोनार बांग्ला के निर्माण हेतु भाजपाके संकल्प पत्र के पर्चे भी वितरित किये। उन्होंने मतुआ समाज के संस्थापक श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी के जन्म जयंती के उपलक्ष्य में उन्हें नमन करते हुए कहा कि उन्होंने हमारे समाज के हाशिए वाले तबके को सशक्त बनाने, शिक्षित करने एवं उनके उत्थान में एक महती भूमिका निभाई। उनके आदर्श और उपदेश हमें “सोनार बांग्ला” के अपने दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सतत मार्गदर्शन करते रहेंगे।
शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में अब तक तीन चरण के मतदान हो चुके हैं। कल चौथे चरण का मतदान होने वाला है। तीनों चरणों के मतदान में पश्चिम बंगाल की जनता का भारतीय जनता पार्टी को अप्रत्याशित समर्थन मिला है। हमारे आकलन के हिसाब से इन तीन चरणों में हुए मतदान में भाजपा 63 से 68 सीटों पर चुनाव जीत रही है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का फ्रस्ट्रेशन उसके नेताओं के व्यवहार, बातचीत और भाषणों में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। ममता दीदी ने सुरक्षा बलों के लिए जिस प्रकार की अशोभनीय टिप्पणी की है, मैंने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसी टिप्पणी कभी नहीं देखी। किसी राज्य की मुख्यमंत्री और एक राजनीतिक दल की अध्यक्षा अगर ये कहती हैं कि सीएपीएफ का घेराव कर रोक लो, तो यह अत्यंत ही निंदनीय है। ममता दीदी, ऐसे बयान देकर लोगों को अराजकता की ओर ले जाना चाहती हैं, चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से वह समाप्त नहीं होने देना चाहती। शायद उनका उद्देश्य हर बार की तरह इस बार भी रेगिंग से चुनाव जीतने का है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ममता दीदी बार-बार यह आरोप लगा रही हैं कि गृह मंत्रालय के इशारे पर सीएपीएफ चुनाव में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। दीदी, ये तो कॉमन सेंस की बात बता रहा हूँ कि सीएपीएफ जब चुनाव के काम में लगते हैं, तब गृह मंत्रालय का उन पर कंट्रोल नहीं होता, चुनाव के समय वह सीधे-सीधे चुनाव आयोग के अधीन काम करता है। अगर इतनी बात भी ममता दीदी को नहीं मालूम नहीं तो क्या कहा जा सकता है! शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हमारे कार्य कर्ताओं और नेताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। हमारे प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष जी पर हाल ही में हमला हुआ है। भबानीपुर में पुलिस स्टेशन के भीतर हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ। इन हमलों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के एक भी नेता की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई। ऐसा करके ममता दीदी और उनके नेता मौन इशारा कर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। सार्वजनिक जीवन में ये बात तो आम होती है कि सभी राजनीतिक दल हर प्रकार की हिंसा की निंदा और भर्त्सना करते हैं। मुझे लगता है कि तृणमूल कांग्रेस अपना आपा खो बैठी है।
जिस प्रकार से ममता दीदी ने अल्पसंख्यक मत दाताओं से एकजुट होकर तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की है,यह बताता है कि शायद ममता दीदी से उनके माइनॉरिटी वोट भी धीरे-धीरे दूर हो गए हैं, वरना इस प्रकार की अपील किसी भी मुख्यमंत्री अथवा किसी पार्टी अध्यक्षा के मुख से उचित नहीं है। इस प्रकार की अपील करने के बजाय ममता दीदी को संभावित हार के कारणों का विश्लेषण करना चाहिए कि बंगाल की जनता क्यों उनके खिलाफ है? केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ इसलिए है क्योंकि दीदी के शासन में बंगाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूर्णतया चरमरा गई है, घुसपैठ की समस्या और बड़ी होती जा रही है, कोलकाता की स्थिति दयनीय हो गई है, तुष्टि करण की राजनीति चरम पर है, दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा करने के लिए कोर्ट की शरण में जाना पड़ता है और दीदी शरणार्थियों को सीएए के तहत नागरिकता देने का विरोध करती हैं। पश्चिम बंगाल में इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई डेवलपमेंट नहीं है, औद्योगिक विकास ठप्प पड़ गया है, बेरोजगारी चरमसीमा पर है, महिला सुरक्षा के सारे पैमाने नीचे की ओर जा रहे हैं, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के हर पैमाने पर पश्चिम बंगाल एक से पांच के बीच खड़ा है, सिंडिकेट-तोलाबाजी और भरष्टाचार अपनी सीमाएं लांघ गया है और कोल माफिया व गौ तस्करी करने वालों के साथ तृणमूल कांग्रेस के पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं की सांठगांठ का पर्दाफ़ाश हो चुका है।
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