अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :नैशनल मैडिकल कमीशन बिल के विरोध में पूरे भारत वर्ष में सभी निजी चिकित्सा संस्थान सुबह 6 बजे से सायं 6 बजे तक बन्द रहेगे। राष्ट्रीय इन्डियन मैडिकल एसोसिएशन के आहवान पर *28 जुलाई को ‘धिक्कार दिवस* ‘ घोषित किया गया है।
नैशनल मैडिकल कमीशन बिल चिकित्सा सेवा प्रणाली के स्तर की गुणवत्ता को और नीचे धकेल देगा तथा इलाज के खर्च को बढ़ावा देने वाला साबित होगा। विभिन्न प्रकार की बेमेल चिकित्सा पद्धतियो के चिकित्सकों को बरिज कोर्स करने का प्रावधान, सभी पद्धतियो के लिए आत्मघाती हो सकता है। चिकित्सा शिक्षा तथा चिकित्सकों के अनुशासन के उद्देश्य के प्रस्तावित यह कानून, न तो आम जनता के हित में, न ही चिकित्सक सेवा प्रणाली के। इस का स्वरूप न तो नैशनल है, न ही यह पूर्ण रूप से मैडिकल कहाँ जा सकता है। इसे कमीशन या आयोग कहना भी अनुचित होगा। आई एम ए के अनुरोध तथा सुझावों के विपरीत , भारत सरकार का यह कदम, लड़खड़ाती चिकित्सा सेवा प्रणाली को सहारा देने के बजाय, मंहगा तथा निम्न स्तर का बना देगा। इस बिल पर पुनर्विचार की सख्त आवश्यकता है। इस के दूरगामी परिणामों पर विचार करने के बाद ही इसे स्वीकृति देनी चाहिए।
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