Athrav – Online News Portal
दिल्ली नई दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी और फेसबुक के बीच साठगांठ होने पर बोला हमला-देखें वीडियो 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि  पिछले कुछ दिनों से लगातार फेसबुक और भारतीय जनता पार्टी के जो रिश्ते हैं, परत दर परत वो रिश्ते आपके सामने, सबके सामने आ रहे हैं। आज के नहीं हैं, पुराने रिश्ते हैं, ये भी अब जानकारी प्राप्त हो रही है.आज मैं आपके सामने 2012 से 2014 के बीच में जब फेसबुक और भाजपा के बीच, इन रिश्तों की नींव रखी जा रही थी, उस बारे में कुछ बताना चाहूंगा.2012 से 2014 के बीच में यूपीए का शासन था, माननीय कपिल सिब्बल जी हमारे कानून मंत्री भी थे और एक बड़े दौर तक इनफोर्मेशन टेक्नोलॉजी के भी मंत्री थे। 

तो ये जो कागज हैं, जो रिपोर्ट हुए हैं, ये जुलाई 2012 का एक मेमो है, फेसबुक का आंतरिक मेमो है, फेसबुक में जो आपसी कॉर्सपोंडेंसे है, आपस मेंजो एक दूसरे को सूचनाएं देते हैं, हिंदुस्तान से अपने हैड क्वार्टर को देते हैं, हैड क्वार्टर से जो क्या इंस्ट्रक्शन आते हैं, जो उन सूचनाओं का आदान-प्रदान है, उसमें से एक मैं अभी आपके सामने कोट करता हूं – जुलाई 2012 फेसबुक की जो ग्लोबल वाइस प्रेजिडेंड हैं पब्लिक पॉलिसी की Ms. Marne Levine, वो लिखती हैं जो कपिल सिब्बल साहब एक अपोजिशन एमपी के साथ जिसमें अधिकतर भारतीय जनता पार्टी के ऍमपीज(MPs) हैं, उनके साथ एक क्लोज डोर बैठक करने वाले थे, इंटमिडिटरी रुल्स को लेकर। 
उन रुल्स को लेकर जो बैठक होने वाली थी, क्लोज डोर जो मीटिंग होने वाली थी, उसके बाबत ये महिला अधिकारी फेसबुक की, Ms Marne Levine  लिखती हैं कि अंखी दास, जिनके बारे में आपके पिछले कई दिनों से सुना, The Wall Street Journal ने लिखा और लोगों ने लगातार लिखा ,अंखी दास ने भाजपा के ऍमपीज को कुछ सलाह दी है, अंखी ने विपक्ष के सांसदों को ये सलाह दी है कि आपको एक लाइन कहनी है कि ये मामला सबज्यूडिस है, कपिल सिब्बल जी के साथ जब आप बैठक करेंगे तो आपको एक लाइन रखनी है कि ये मामला सबज्यूडिस है। ये अंखी दास फेसबुक की तरफ से भाजपा के सांसदों को सलाह दे रही हैं, उस बैठक से पहले जो कि एक क्लोज डोर बैठक होनी थी, कपिल सिब्बल जी मंत्री थे, वो लेने वाले थे। 

आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि किस तरह से उस वक्त ये रिश्ते बन रहे थे और उन रिश्तों में क्या प्रगाढ़ता थी, क्या मजबूती थी कि सलाह ली जा रही है, फेसबुक के ऑफिसर से, भारत के लोकतंत्र की रक्षा इन लोगों से कैसे उम्मीद रख सकते हैं, जो आज सत्ता में है, जब ये विपक्ष में थे तो ये सलाह किससे लेते थे, फेसबुक की एक लॉबिस्ट से सलाह ले रहे थे और वो लोबिंग कर रही थी इनके मार्फत, अंखी दास जिनका नाम है।वो कहती हैं  कि अंखी दास गूगल और यंग इंडिया के पॉलिसी लीड्स के साथ बातचीत कर रही हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात खुलासा, “हम लोग अरुण  जेटली जी” ,स्वर्गीय अरुण जेटली जी के बाबत लिखते हैं, जो उस वक्त वीडर ऑफ अपोजिशन थे, “जो चिट्ठी अरुण जेटली जी  सरकार को लिख रहे थे,  वो  हमने  ड्राफ्ट कर दी है”,  फेसबुक अरुण जेटली जी की ,यानि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की,  जो कि एक विपक्ष का नेता था,  संसद में, उनकी  चिट्ठी ड्राफ्ट कौन कर रहा है – अंखी दास कर रही हैं, फेसबुक कर रहा है ! क्यों? अब लोबिंग की इन्तेहाँ है कि हिंदुस्तान का  

विपक्ष किसी मुद्दे पर क्या बोलेगा, सरकार को क्या लिखेगा, कैसे घेरेगा सरकार को यूपीए की सरकार को, उसका षड़ंयत्र रचने में सहायता ली जा रही है, एक प्राईवेट लॉबिस्ट की, जो कि फेसबुक की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, अंखी दास उनका नाम है।इसी मेमो में आगे लिखते हैं  जो प्राईवेसी का लॉ,  उस वक्त तो ड्राफ्ट हो रहा था, उसमें रिटायर्ड जस्टिस एपी शाह की एक कमेटी बनी, ग्रूफ ऑफ ऑफिसर थे, एक्सपर्ट थे, तो ग्रूप ऑफ एक्सपर्ट ऑन प्राईवेसी से चर्चा के बाबत लिखते हैं कि अंखी ने, ये उनका मेमो बता रहा हूं, माननीय Ms Marne Levine का कि अंखी  ने भारत सरकार के  अधिकारियों से और इस कमेटी के मेंबर से बात करने की कोशिश की, ये हमारी सरकार है, हमारी सरकार ने कमेटी बनाई थी, उस कमेटी के बारे में बात करेंगे.बात करने की कोशिश की, लेकिन उससे ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला, फोर्थ कमिंग नहीं थे, वो खुल कर बात नहीं कर रहे थे, मुझे गर्व है हमारी पार्टी की सरकार से.इस तरह के लॉबिस्ट से हमारी कमेटी के सदस्य खुलकर बात करने में हिचकिचा रहे थे, नहीं कर रहे थे, उनको कोई सहयोग नहीं दे रहे थे और ये शिकायत करते हैं, ये मेमो में शिकायत है कि अंखी दास ने प्रयास किया, लेकिन सदस्यों ने खुलकर बात नहीं की। ये होता है  सरकार चलाना, सरकार का इकबाल इसको कहते हैं। मोदी जी की सिखना चाहिए कि कैसे सरकार चलाई जाती है।

इसी दौरान 4 पीआईएल लगी हुई थी हमारी सरकार के खिलाफ, एक राजीव चंद्रशेखर जी की तरफ से थी, भाजपा की ये हैं, तब भी हमारे विपक्ष में थेऔर भाजपा के सहयोग में थे, सांसद थे, तो इन 4 पीआईएल का एक कोलेशन था, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल थी, इस कोलेशन से बैठक अंखी दास कर रही हैं, स्ट्रैटेजी बनाई जा रही है कि कैसे यूपीए सरकार को घेरा जाए, इन पीआईएल के मार्फत.मेमो में लिखते हैं कि ये 4 पब्लिक इंट्रस्ट लिटिगेशन सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के विरुद्ध हैं, फरवरी से लेकर अप्रैल 2013 में इनकी सुनवाई होगी और भारत सरकार को बड़ी कठिनाई महसूस होने वाली है अपने आपको बचाने के लिए। ये भारत सरकार यूपीए की सरकार किसी पार्टी की सरकार नहीं होती, भारत की सरकार थी, चुनी हुई सरकार थी। अंखी दास पीआईएल में मदद कर रही हैं, राजीव चंद्रशेखर जी की मदद कर रही हैं, अन्य पीआईएल जिन्होंने लगाई हैं, उनकी मदद कर रही हैं और मेमो में लिखा जा रहा है, The Government will have a tough job defending himself, सरकार को बड़ी कठिनाई होगी अपने  आपको बचाने  के लिए।आगे ये मेमो लिखता है कि आज जो हमारी कोलेशन की बैठक हुई, कोलेशन मतलब जिन्होंने ये पीआईएल की थी, वो 4-5 जो भी समूह थे उनकी। ये तय किया गया

Related posts

स्कूली बच्चों ने कद को लेकर छात्र को किया परेशान, गुस्से में आकर बोला बच्चा- मां मुझे चाकू दे दो, मैं खुद को मारना चाहता हूं

Ajit Sinha

‘हवाला केस में फंसे करीबी का हाल पूछने गए थे अहमद पटेल, नहीं थी छापेमारी की जानकारी’,छापेमारी में 281 करोड़ के संपत्ति का पता चला।

Ajit Sinha

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव, के. सी. वेणुगोपाल ने गुजरात के दो जिलों के अध्यक्ष नियुक्त किए हैं-पत्र पढ़े

Ajit Sinha
//whazunsa.net/4/2220576
error: Content is protected !!